जालंधर, 13 मई (कबीर सौंधी) : राजनीति में कुछ भी संभव है। विधायक चुनाव हारने वाले सुशील कुमार रिंकू एक साल बाद सीधा सांसद बन जाएंगे, ये तो शायद उन्होंने भी कभी सोचा नहीं था। लेकिन ये संभव हो पाया आम आदमी पार्टी की बदौलत्। ‘एक साल काम दमदार’ के बैनर तले चुनाव लड़ने वाली आप ने जालंधर लोकसभा उप-चुनाव में, कांग्रेस को हरा दिया है। सुशील रिंकू’ ने करीब 58 हजार वोटों से बढ़त बना ली है और उनकी जीत का बस ऐलान होना बाकी रह गया है।
दोपहर 1.30 बजे तक आप के सुशील रिंकू को 300344, कांग्रेस की कर्मजीत कौर चौधरी को 242372, अकाली-बसपा के डा. सुखविंदर सुक्खी को 157392 और भाजपा के इंदर इकबाल सिंह अटवाल के 134166 वोटें पड़ी थी। बता दें कि रिंकू हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें टिकट दी थी। रिंकू कांग्रेस के मंत्री रहे राणा गुरजीत सिंह के करीबियों में से एक थे। रिंकू राणा को अपना राजनीतिक गुरु भी बताते रहे हैं।
रिंकू को टिकट देने के बाद कांग्रेस नतुरंत राणा गुरजीत सिंह को कांग्रेसी उम्मीदवार कॅर्मजीत कौर चौधरी का इलेक्शन इंचार्ज लगा दिया था। ये सारा चुनाव राणा गुरजीत सिंह की देखरेख में हुआ। क्योंकि राणा को राजनीति का चाणक्य भी माना जाता है। 2022 में आप की हवा होने के बावजूद राणा अपना चुनाव जीते थे और उन्होंने अपने बेटे को भी बतौर आजाद उम्मीदवार जितवाया था। रिंकू ने 58 हजार से ज्यादा लीड लेकर अपने गुरु को राजनीति के मैदान में भी पटखनी दे दी है। यानि कि चेला गुरु पर भारी पड़ गया है।