जालंधर, 05 मई (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूर्व सैनिकों की हमदर्द सरकार है। इससे पहले भारत में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने केवल राजनीति की और 27 साल से पूर्व सैनिकों की वन रैंक और वन पेंशन की मांग को लटकाए रखा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूर्व सैनिकों की इस मांग को तुरंत स्वीकार कर उसे लागू किया जिससे पूर्व सैनिकों को बड़ी राहत मिली है। यह बात पंजाब भाजपा के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के प्रभारी कैप्टन जी.एस. सिद्धू ने कही।
जीएस सिद्धू ने कहा कि 1 जुलाई, 2019 को लागू हुए ओआरओपी 2 में रही कमियों की समीक्षा करने के लिए पंजाब भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ एक बैठक की जाएगी टाटा जंतर-मंतर पर संघर्ष कर रहे सैनिक भाईयों को आश्वासन देकर उठाने का भी प्रयास किया जाएगा। पूर्व सैनिक की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी की पेंशन 60% हो जाती है, इसे 100% करने का प्रयास किया जाएगा। पूर्व सैनिकों के लिए टोल प्लाजा माफ करने का प्रयास किया जाएगा। इसे प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार से भी चर्चा की जाएगी। सरकारी नौकरी में पूर्व सैनिक के केवल एक बच्चे को ही लाभ मिलता है, 1 से 2 बच्चों को यह लाभ मिले इसके लिए भी केंद्र सरकार से चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री वजीफा योजना के अंतर्गत सैनिकों के बच्चों के लिए सभी पाठ्यक्रमों में इसे संचालित करने का प्रयास किया जाएगा। पंजाब सरकार की संस्था पेस्को द्वारा पूर्व सैनिकों की भर्ती के खिलाफ भाजपा सैनिक सेल बड़े पैमाने पर संघर्ष शुरू करेगी। कैप्टन सिद्धू ने सभी पूर्व फौजी भाइयों से पुरजोर अपील करते हुए कहा कि वे और उनका परिवार 10 मई को होने वाले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी इंदर इकबाल सिंह अटवाल को अपना कीमती वोट डालकर भारी बहुमत से विजयी बनाएं और हम वादा करते हैं कि भाजपा उनके सभी मुद्दों को हल करने का प्रयास करेगी।