जालंधर, 06 अप्रैल (कबीर सौंधी) : श्री महादेव जी के अंश अवतार जो पूर्ण रुद्र सावरूप हैं, जिनका जन्म धर्म स्थापना और श्री हरि के कार्यों में सहायक बनने को हुआ, ऐसी असीम दिव्य ऊर्जा के स्त्रोत्र जिनमे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड समा जाए वो परम ज्योति सावरूप मानव कल्याण के लिए भक्ति का ज्ञान देने हेतु इस धरा पर आए। श्री गुरु हनुमान जी सदेव सभी कारों को सफलता पूर्वक करने उपरांत श्री राम जी के श्री चरणों में बैठ जाया करते और सभी कार्य प्रभु कृपा व बल से ही सम्पन होते हैं ये ज्ञान समाज को देते हुए प्रभु महिमा से अवगत करवाते।
जहां एक तरफ लीला करते हुए सूर्य को मुख में रख लिया वहीं दूसरी ओर खुद रुद्रांश होते हुए भी उन्ही सूर्य देव के शिष्य बन उनके ज्ञान अर्जित किया, इस लीला में प्रभु ने जन कल्याण हेतु हमें सबका आदर करना व ज्ञान का मोल समझाया। जिस प्रकार बाल रूप में प्रभु ने जरूरत पड़ने पर सूर्य को मुख में रखते हुए अपनी मौजूदगी का एहसास सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को कराया और जब ज्ञान अर्जित करने का समय आया तो प्रभु ने सूर्य देव के परम ज्ञान सावरूप होने का एहसास भी सृष्टि को करवाया। इसी तरह हमे भी ज्ञानी/ज्ञानवान के ज्ञान का आदर करना चाहिए ये हमे भी समझाया। प्रभु के जीवन में अनेक ज्ञानवान प्रसंग हैं।
सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान प्रभु ने हमे दृढ़ता से कार्यकुशल होकर कर्तव्य करते हुए प्रभु भक्ति में रहने का दिया। आप भी रोजाना 5 बार श्री हनुमान चालीसा पाठ कर अपने जीवन को भक्तिमय करते हुए प्रभु कृपा के पत्र बन सकते हैं।
अपने जीवन की किसी भी समस्या के लिए एक नारियल/जायफल अथवा लॉन्ग – इलाइची के साथ अपनी समस्या लाल रंग से लिख कर प्रभु जी के श्री चरणों में रखते हुए 11 पाठ श्री हनुमान चालीसा कर समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
गुरुदेव श्री हनुमान जी आपको श्री हरी – हरा तत्व का ज्ञान दें। भक्तशिरोमणि रूप में प्रभु आपको श्री राम जी की भक्ति का मार्ग बताएं। रुद्रांश श्री प्रभु आपको रुद्र श्री गुरु महादेव जी से पर्चित करवाएं। संकटमोचन श्री प्रभु सदेव ज्ञान सावरूप में आपके साथ रहें।
श्री गुरु महादेव जी और मां श्री चिंतापूर्णी जी के आशीर्वाद से आप भक्ति पथ पर अग्रसार रहें। आपका जीवन मंगलकारी हो।
ॐ नमः शिवाय
श्री हनुमान मंत्र
ॐ हं हनुमते नमः
श्री राम मंत्र (गुरु मंत्र)
राम राम श्री राम