लुधियाना, 01 अप्रैल (ब्यूरो) : सुधार ब्लॉक के गांव रत्तोवाल की महिला सरपंच पर विभाग की ओर से कार्रवाई करते हुए महिला सरपंच को बर्खास्त कर दिया गया है। दरअसल, महिला सरपंच के खिलाफ उसके पति की दखलअंदाजी की शिकायत मिलने के बाद विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है। महिला के पति ने खुद को गांव के ‘सरपंच’ के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा वह सरकारी परियोजनाओं के उद्घाटन पत्थरों पर अपना नाम सरपंच के रूप में लिखवा रहा था। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह खैरा ने अपने आदेश में गांव रत्तोवाल की सरपंच परमजीत कौर को बर्खास्त कर दिया है। डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह ने सरपंच के बैंक खाते को भी फ्रीज करने का आदेश दिया है।
महिला सरपंच को आदेश दिया गया है कि पंचायत का सारा रिकॉर्ड, संपत्ति और फंड पंचायत के किसी एक सदस्य को सौंप दे। जिसका नाम अन्य सदस्य पंचायतों द्वारा निर्णय निर्माता के रूप में प्रस्तावित किया जाएगा। महिला के पति जगदीप सिंह ने खुद को गांव के सरपंच के रूप में चित्रित करना शुरू कर दिया था, जो अक्सर उसके काम में हस्तक्षेप करता था और सार्वजनिक रूप से खुद को मुख्य निर्णयकर्ता घोषित करता था। यहां तक कि उन्होंने आगे बढ़कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण सहित कई परियोजनाओं को अधिकृत किया।
ग्रामीणों ने जगदीप सिंह की दखलअंदाजी को देखा और संबंधित अधिकारियों से शिकायत दर्ज करवा कार्रवाई की मांग की। पंचायत सचिव हरभजन सिंह की दखलअंदाजी की रिपोर्ट सेशन विकास एवं पंचायत अधिकारी सुधार को भेजी गई। उन्होंने कहा कि गांव की सरपंच होने के नाते महिला को अपने पति को समझाना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। विभाग ने सरपंच परमजीत कौर को 15 दिन में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस भेजा था। सरपंच ने अपने जवाब में आरोपों का खंडन किया था और शिकायत का रद्द करने की अपील की थी। उन्हें अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए 13 मार्च, 20 मार्च और 22 मार्च को नोटिस दिया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं। इस घटना ने जेंडर सेंसटिव पॉलिसी (लैंगिक संवेदनशील नीतियों) की आवश्यकता और ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता को उजागर किया है।