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गैंगस्टर लारैंस बिश्नोई की विवादित इंटरव्यू को लेकर DGP गौरव यादव ने किए बड़े खुलासे

चंडीगढ़, 16 मार्च (ब्यूरो) : पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के वायरल हुए इंटरव्यू के पंजाब के किसी भी जेल से होने से इनकार किया है।लॉरेंस से जुड़े फैक्टस को सिलसिलेवार ढंग से रखते हुए डीजीपी ने कहा कि यह इंटरव्यू पंजाब के अंदर नहीं हुआ।

डीजीपी ने अपने दावे को साबित करने के लिए 9 मार्च, 14 मार्च और आज यानि 16 मार्च की लॉरेंस की फोटोज भी मीडिया के सामने पेश की।

बठिंडा जेल और तलवंडी साबो कोर्ट में पेशी के दौरान ली गई इन फोटोज में लॉरेंस शॉर्ट हेयरकट और ट्रिम दाढ़ी में नजर आ रहा है जबकि 14 मार्च को एक टीवी चैनल पर जारी इंटरव्यू में उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और सिर के बाल भी लंबे थे।

राजस्थान पुलिस पर सवाल

पंजाब के DGP गौरव यादव ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने रिमांड पूरी होने पर गैंगस्टर लॉरेंस को 8 मार्च को बठिंडा जेल वापस छोड़ा।

9 मार्च को बठिंडा के ही तलवंडी साबो कोर्ट से लॉरेंस को पेश कर एक दिन का पुलिस रिमांड लिया गया। इसके बाद 10 मार्च को लॉरेंस को दोबारा बठिंडा जेल लाया गया।

डीजीपी ने कहा कि 14 मार्च को एक चैनल पर प्रसारित हुए इंटरव्यू में लॉरेंस ने पीले रंग की टीशर्ट पहन रखी थी और उसकी दाढ़ी व सिर के बाल लंबे नजर आ रहे थे।

जबकि 10 मार्च को जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया था तो वह शॉर्ट हेयरकट में था और दाढ़ी भी ट्रिम थी।

डीजीपी ने कहा कि इस इंटरव्यू के बाद बठिंडा जेल में लॉरेंस के सामान की तलाशी ली गई मगर उसमें पीले रंग की कोई टीशर्ट नहीं मिली।

लॉरेंस के पहनावे और हेयरकट को बेस बनाते हुए उसके इंटरव्यू को पुराना बताया और कहा कि यह पंजाब की जेल से बाहर लिया गया है।

इंटरव्यू की साउंड क्वालिटी स्टूडियो जैसी

डीजीपी ने कहा कि लॉरेंस के इंटरव्यू की साउंड क्वालिटी स्टूडियो लेवल की है। जेल वगैरह से जैमर होने के कारण ऐसी ऑडियो-वीडियो क्वालिटी नहीं आ पाती।

उन्होंने दावा किया कि बठिंडा सेंट्रल जेल कम्युनिकेशन के मामले में डेड जोन में आती है और वहां ऐसा इंटरव्यू करना संभव ही नहीं है।

डीजीपी ने तर्क दिया कि इंटरव्यू में लॉरेंस जग्गू भगवानपुरिया को दोस्त बता रहा है और मिलकर मूसेवाला के मर्डर की बात कह रहा है।

उसने जग्गू और अपने गैंग के बीच पिछले दिनों गोइंदवाल जेल में हुई घटना का कोई जिक्र भी नहीं किया जिसमें उसके गैंग ने जग्गू के दो साथियों की हत्या कर दी थी। अगर इंटरव्यू ताजा होता तो लॉरेंस इस विवाद पर भी बोलता।

जेल सुपरिंटेंडेंट BSF से डेपुटेशन पर

डीजीपी ने बताया कि लॉरेंस को बठिंडा जेल के आइसोलेटिड हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इस जेल की अंदरुनी सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है और बाहर पंजाब जेल महकमे का स्टाफ ड्यूटी देता है। बठिंडा जेल की जिम्मेदारी एनडी नेगी के पास है जो बीएसएफ के अफसर हैं और वहां से डेपुटेशन पर आए हैं।

बठिंडा जेल में एडवांस जैमर

पंजाब के DGP गौरव यादव ने दावा किया कि बठिंडा जेल के अंदर एडवांस क्वालिटी वाले जैमर लगे हैं जिसकी वजह से मोबाइल सिग्नल आ ही नहीं सकते। इसके बावजूद जेल के अंदर रोजाना तीन से चार बार सिग्नल चेक किए जाते हैं।

सिग्नल के बगैर मोबाइल से वीडियो बनाकर किसी को भेजा ही नहीं जा सकता। जेल के अंदर कैदी 24 घंटे CCTV सर्विलांस में रहते हैं।

रात के समय भी वहां कैदियों के बैरकों की लाइट बंद नहीं की जाती। सिर्फ उसे डिम किया जाता है ताकि गार्ड कैदियों पर नजर रख सकें।

DGP ने दावा किया कि बठिंडा जेल की सिक्योरिटी इतनी फुलप्रूफ है कि दूसरे राज्य भी अपने बड़े मुजरिमों को वहां भेजते हैं।

पंजाब लाकर लॉरेंस को निष्क्रिय किया

DGP ने कहा कि लॉरेंस लगभग 9 साल से जेल में है और ज्यादातर समय वह दूसरे राज्यों की जेलों में रहा। वहीं से अपना नेटवर्क चलाता था।

सिद्धू मूसेवाला मर्डर के बाद उसे पंजाब लाकर बठिंडा जेल के हाई-सिक्योरिटी जोन में रखा गया जिसकी वजह से वह निष्क्रिय हो चुका है।

पंजाब पुलिस से बचने और अपने नेटवर्क को फिर से जिंदा करने के मकसद से ही वह सुप्रीम कोर्ट तक गया और रिट लगाकर खुद को पंजाब से बाहर शिफ्ट करने की मांग की। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी नहीं मानी।

पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश

DGP गौरव यादव ने कहा कि पंजाब के बाहर बैठे कुछ लोग यहां की शांति भंग करने के लिए झूठी खबरें और अफवाह फैला रहे हैं। ऐसे लोग सुनियोजित तरीके से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर फर्जी खबरें अपलोड करते हैं।

उन्होंने फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। डीजीपी ने कहा कि अमृतसर में G20 देशों के डेलीगेट्स का सम्मेलन सुरक्षित चल रहा है।

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