जालंधर, 03 मार्च (धर्मेंद्र सौंधी) : एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के पंजाबी- विभाग द्वारा अतिथि-व्याख्यान का आयोजन करवाया गया जिसमें स्रोत वक्ता के रूप में यूनिवर्सिटी के पंजाबी-विभाग के पूर्व अध्यक्ष, फैकल्टी ऑफ लैंग्वेजेस के पूर्व डीन एवं अकादमिक स्टाफ कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर डॉ हरभजन सिंह भाटिया उपस्थित हुए। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने डॉ भाटिया का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित प्रतिष्ठित आलोचक का हमारे बीच में आगमन हुआ है उन्होंने कहा जिस तरह आपने पंजाबी- भाषा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान बनाने का कार्य किया है वह वास्तव में प्रशंसनीय हैं।
प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने कहा कि हमारे विद्यार्थी वास्तव में सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें एक अनुभवी विद्वान, चिंतनशील आलोचक और विभिन्न भाषाओं को बोलने में सिद्धहस्त महान भाषाविद् को सुनने का अवसर मिल रहा है। डॉ हरभजन सिंह भाटिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा मैं तो वास्तव में इस कला मंदिर को सजदा करने आया हूं, उन्होंने कहा डॉ सत्यपाल जी द्वारा स्थापित संस्था के मूल में संवेदनशीलता, भ्रातृत्व की भावना एवं स्वाभिमान मूल रूप में निहित है; उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि एपीजे कॉलेज ललित कलाओं के विकास के साथ-साथ भाषाओं के संरक्षण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉक्टर भाटिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कभी भी अपनी मातृभाषा के बोलने में हीन भावना अनुभव नहीं करनी चाहिए उन्होंने कहा कि भाषा का मूल भाव संचार करना है और हमें परिस्थिति,समय और लोगों के हिसाब से भाषा का चयन करना चाहिए और जिस भाषा के बोलने में हमें आत्मविश्वास का अनुभव होता है उसी भाषा का नि:संकोच प्रयोग करना चाहिए। डॉक्टर भाटिया ने विद्यार्थियों को कहा कि सोशल मीडिया के प्रभाव से जिस तरह भाषा का गलत प्रयोग शुरू हो गया है वह वास्तव में चिंता का विषय है उन्होंने कहा वैश्वीकरण एवं भौतिकतावाद की अंधी दौड़ ने भी भाषा को बहुत हद तक प्रभावित किया है और यह युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह भाषा के शुद्ध रूप को स्वयं भी समझे और इसे भावी पीढ़ी तक भी पहुंचाए। पंजाबी विभाग के अध्यक्ष श्री संदीप सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सबका आभार व्यक्त किया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पंजाबी विभाग के प्राध्यापक श्री संदीप सिंह मैडम लवप्रीत कौर एवं मैडम अनुराधा के प्रयासों की सराहना की।