दिल्ली, 11 फरवरी (ब्यूरो) : आम बजट 2023 में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने “presumptive income scheme” की लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया है. इस स्कीम में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, चार्टेड अकाउंटेट्स, टेक्निकल कंसल्टेंट्स, वकील और दूसरे प्रोफेशनल्स शामिल हैं और ये सभी इस स्कीम के अंतर्गत आते हैं.
आम बजट Budget 2023 में इनकम टैक्स के मोर्चे पर मीडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है, साथ ही सरकार ने बिजनेसमैन और कुछ अन्य प्रोफेशनल्स को भी “presumptive income scheme” में लिमिट को बढ़ाते हुए बड़ी सौगात दी है. इस स्कीम में किसी व्यक्ति, पार्टनरशिप फर्म या HUF की ओर से चलाए जाने वाले बिजनेस को संबंधित सेक्शन में बताई गई टर्नओवर लिमिट के हिसाब से उस पर टैक्स चुकाने का विकल्प मिलता है. प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम में अकाउंट को विस्तार से मेनटेन और साल के आखिरी में अकाउंट को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं पड़ती है. आयकर अधिनियम की धारा 44AD/44ADA में इस योजना के प्रावधान शामिल हैं.
आखिर क्या है ‘प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम’?
हर नौकरी पेशी करने वाला, बिजनेसमैन और अन्य प्रोफेशनल्स को आयकर चुकाना होता है. हालांकि, नौकरीपेशा व्यक्तिक की आय स्पष्ट रूप से जाहिर होती है लेकिन बिजनेस या अन्य प्रोफेशनल की आमदनी एक समान नहीं होती है. इन प्रोफेशनल्स में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, टेक्निकल कंसल्टेंट्स, इंटीरियर डेकोरेटर्स चार्टेड अकाउंटेट्स, वकील और दूसरे प्रोफेशनल्स शामिल हैं.
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार अगर आप कोई बिज़नेस या प्रोफेशन करते हैं तो आपको इसके सम्बन्ध में बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स भी रखनी जरुरी होती है. लेकिन कुछ बिज़नेसमैन हैं जो कि छोटे स्तर पर व्यापार करते है उनके लिए ऐसा करना संभव नहीं होता है. इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स एक्ट में छोटे बिजनेसमैन को एक स्कीम को Presumptive Taxation Scheme अपनाने की सुविधा दी गयी है.
मिनिमम लिमिट से कम मुनाफा नहीं बताया जा सकता
यह एक सिंपल टैक्स स्कीम है, जो कि विशेष रूप से छोटे और मीडियम बिजनेसमैन और प्रोफेशनल के लिए बनाई गई है. इसमें सभी प्रोफेशनल्स को इनकम टैक्स एक्ट के सामान्य प्रावधानों के तहत बुक्स ऑफ अकाउंट को मेनटेन करने और उसका ऑडिट कराने की जरूत नहीं होती है.
इस स्कीम में एक मिनिमम लिमिट होती है, उससे कम आप अपना प्रॉफिट डिक्लेअर नहीं कर सकते हैं. अगर आपका प्रॉफिट इन न्यूनतम सीमा से ज्यादा होता है, तो आप इसे अपनी इनकम में डिक्लेअर कर सकते है और उस पर टैक्स दे सकते हैं. यानी आप इस योजना में निर्धारित मिनिमम लिमिट से कम अपनी इनकम रिपोर्ट नहीं कर सकते हैं. वहीं, ज्यादा आय बताने पर कोई लिमिट नहीं है. प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम में बिजनेस या प्रोफेशन से नेट प्रॉफिट कैलकुलेशन के लिए सेक्शन 44ADA के तहत 50 फीसदी और 44AD में 6 से 8 फीसदी रेट्स हैं.
कुछ शर्तें भी रखी गई: बजट 2023 में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम की लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया है. अब सेक्शन 44AD के तहत आने वाले बिजनेसेज के लिए मौजूदा सीमा 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी गई है. वहीं, सेक्शन 44ADA के अंतर्गत आने वाले प्रोफेशनल्स के लिए 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये लिमिट कर दी गई है. टर्नओवर की नई लिमिट का लाभ उठाने के लिए जरूरी शर्तें भी रखी गई हैं.
पहली शर्त यह है कि कैश के तौर पर मिली कुल रकम टोटल ग्रॉस रिसीट्स की 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वहीं, दूसरी शर्ते के तहत जो चेक अकाउंट पेयी नहीं होंगे उन्हें इन सेक्शन के तहत कैश रिसीट माना जाएगा.