कांगो, 17 जनवरी (ब्यूरो) : डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के एक चर्च में 15 जनवरी को धमाका हुआ। इसमें अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ISIS ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। सरकार के प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने इस ब्लास्ट के पीछे ISIS के सहयोगी संगठन एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स (ADF) का हाथ होने की आशंका जताई थी।
दरअसल, कासिंदी टाउन के एक चर्च में लोग प्रार्थना के लिए इकट्ठे हुए थे। इसी दौरान धमाका हुआ। प्रत्यक्षदर्शी जूलियस कसाके ने बताया- मैं चर्च के बाहर से गुजर रहा था। तभी धमाका हुआ। मैं और आसपास के कई लोग मदद करने के लिए चर्च के अंदर भागे। वहां हर तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा था। कई लोग बेसुध पड़े थे तो कई दर्द से चीख रहे थे। कई लोगों के हाथ-पैर टूटकर अलग हो गए थे। मसिका मकासी ने बताया, मैं चर्च के बाहर एक टेंट में बैठी हुई थीं। तभी मैंने धमाके की आवाज सुनी। पल भर में ही सब कुछ बदल गया। कुछ फीट की दूरी पर बैठी मेरी भाभी की मौत हो गई और मेरी टांग में भी चोट लग गई।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स एंटोनी ने कहा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को पकड़कर सजा दी जाएगी। फेलिक्स 2018 से कांगो के राष्ट्रपति हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में कांगो में 370 से ज्यादा लोगों ने एडीएफ के हमलों में जान गंवाई है। साथ ही सैकड़ों लोग किडनैप भी हुए हैं। अफ्रीका महाद्वीप के इस देश में कॉपर और कोबाल्ट जैसे खनिज बड़ी मात्रा में हैं। लेकिन इसका फायदा वहां के लोगों को नहीं मिल सका है। लंबे समय से चल रहे संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से यह देश संकट में ही रहा है। बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा है। कांगो दुनिया के पांच सबसे गरीब देशों में शामिल है। यहां के 64 फीसदी लोग 1 दिन में 200 रुपए भी नहीं कमा पाते हैं।