चंडीगढ़, 11 जनवरी (ब्यूरो) : लुधियाना के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की विजिलेंस द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद से ही पंजाब के पीसीएस अधिकारियों की शुरू हुई स्ट्राइक दोपहर 2 बजे के बाद खत्म हो गई है। हालांकि किसी ने अभी ड्यूटी जॉइन नहीं की है। लेकिन सभी जल्द ही ड्यूटी जॉइन करेंगे। दरअसल, कुछ समय पहले ही पीसीएस अधिकारियों और मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी वेणु प्रसाद के बीच बैठक चल रही थी। जोकि अब खत्म हो गई है। पंजाब के पीसीएस अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश की घोषणा वापिस ले ली है। जल्द ही वह ड्यूटी जॉइन करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी अधिकारियों को चेतावनी जारी करते हुए 2 बजे तक ड्यूटी जॉइन करने का अल्टीमेटम दे दिया था, जो खत्म हो गया। वेणु प्रसाद ने स्पष्ट किया कि करप्ट अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त है। इसे पीसीएस अधिकारी भी मानते हैं और उन्होंने जल्द अभी से ड्यूटी जॉइन करने की बात कही है। पीसीएस एसोसिएशन के प्रधान रजत ओबरॉय का कहना है कि हम हड़ताल पर नहीं थे, सिर्फ मास लीव पर थे। कुछ पुरानी मांगें काफी समय से अटकी हुई थी। जन्हें मुख्यमंत्री और उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी के समक्ष रखा गया। सरकार से उनकी मुश्किलें हल होने के आश्वासन मिलने के बाद सभी अभी से ड्यूटी जॉइन कर रहे हैं।
सीएम भगवंत मान ने आज सुबह एक आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि कुछ अधिकारी ड्यूटी जॉइन नहीं कर रहे और स्ट्राइक पर हैं। वे सरकारी अधिकारी के खिलाफ करप्शन के चार्ज में उठाए गए सख्त कदम से खफा हैं। स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार करप्शन के मामले में ‘जीरो टॉलरेंस’ पॉलिसी अपनाए हुए हैं। जांच में पाया गया था कि आरटीए नरिंदर सिंह धालीवाल काे दिसंबर महीने में 4 लाख रुपए की रिश्वत की रकम मिली और जिसमें से उन्होंने एक लाख 70 हजार खुद इस्तेमाल किए और बाकी 2 लाख 30 हजार पीएचजी बहादर सिंह को सौंप दी। जिसकी गिरफ्तारी के बाद से ही पंजाब का पीसीएस कैडर नाराज है। उनके आरोप हैं कि सरकार ऐसे भी किसी की भी शिकायत के आधार पर किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती। जिसके बाद सभी पीसीएस अधिकारियों ने स्ट्राइक की घोषणा की थी।