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विजीलैंस विभाग द्वारा वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले में शामिल 1 और एजेंट को किया गिरफ़्तार

जालंधर, 30 दिसंबर (कबीर सौंधी) : पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले में जालंधर में तैनात मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एम.वी.आई.) नरेश कलेर के साथ मिलीभुगत करने वाले एक और एजेंट राजेश सहोता, निवासी बालमीक मोहल्ला, होशियारपुर को गिरफ़्तार किया है। विजीलैंस ब्यूरो ने उसका मोबाइल फ़ोन और सिम कार्ड ज़ब्त कर लिया है जो इस घोटाले के बारे और जानकारी इकत्र करने के लिए डाटा माहिरों को भेजा जायेगा।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने एम.वी.आई., जालंधर के दफ़्तर में अचानक चैकिंग की और बड़े स्तर पर प्राईवेट एजेंटों के साथ मिलीभुगत करके व्यापारिक और निजी वाहनों की जांच किये बिना फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए किये जा रहे संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि पुख़्ता सबूतों के आधार पर विजीलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर में मुकदमा नंबर 14 तारीख़ 23- 08- 2022 को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 ए और आइपीसी की धारा 420, 120-बी के अधीन मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में कुल 12 मुलजिम पहले ही गिरफ़्तार किये जा चुके हैं जोकि जेल में बंद हैं जिनमें नरेश कलेर, रामपाल उर्फ राधे, मोहन लाल उर्फ कालू, परमजीत सिंह बेदी, सुरजीत सिंह और हरविन्दर सिंह, पंकज ढींगरा उर्फ भोलू, ब्रिजपाल सिंह उर्फ रिक्की, अरविन्द कुमार उर्फ बिंदु, वरिन्दर सिंह उर्फ दीपू, सपना और लवलीन सिंह लवी (सभी प्राईवेट एजेंट) शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की आगे जांच जारी है और बाकी भगौड़े मुलजिमों को जल्दी ही काबू कर लिया जायेगा।

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