चंडीगढ़, 30 दिसंबर (ब्यूरो) : पंजाब के विभिन्न जिलों में आपत्तिजनक शब्दों या जाति के आधार पर चल रहे 56 स्कूलों के नाम अब बदल जाएंगे। स्कूलों के नाम अब शहीदों, देशभक्तों और गुरुओं के नाम पर होंगे। शिक्षा विभाग ने विभिन्न जिलों से भेजे गए नामों के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस के निजी प्रयास से यह संभव हो पाया है। विभाग ने इस संबंधी नौ विभागों को पत्र लिखा है। साथ ही बारे में उचित कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कुछ समय पहले पंजाब के शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस के ध्यान में आया था कि राज्य में कई जगह स्कूलों के नाम आपत्तिजनक है। साथ ही इन्हें बदला जाना चाहिए।
इसके लिए उनकी तरफ से विभाग को इस दिशा में कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। इस दौरान सभी जिलों से पूछा गया था कि वह बताएं कि उनके जिलों में कितने स्कूलों के नाम आपत्तिजनक है। साथ ही पुराने नाम को बदलकर नया नाम क्या रखना चाहते हैं। इसके बाद सीमावर्ती जिले फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, रोपड़ और तरनतारन से किसी भी स्कूलों की सूची नहीं दी गई। जबकि अमृतसर से एक, बठिंडा तीन, बरनाला-तीन, फरीदकोट दो, फतेहगढ़ साहिब तीन, गुरदासपुर चार, होशियारपुर एक, लुधियाना दो, मलेरकोटला-दो, मोगा एक, मानसा-सात, मुक्तसर-तीन, पटियाला-12, पठानकोट एक, संगरूर चार, मोहाली एक व जिला शहीद भगत सिंह नगर में छह स्कूलों के नाम बदलने के आवेदन प्राप्त हुए थे। विभाग ने पूरी तरह से विचार करने के बाद इसे मंजूरी दी है।
भारतीय सेना में तैना गांव गुरु नानकपुरा निवासी रेशम सिंह 2021 में असम में शहीद हो गए थे। अब उनके नाम पर ही उनके इलाके के स्कूल का नाम रखा गया है। सरकारी एलिमेंट्री स्कूल डेरा बाजीगर ब्लॉक रईया काम नाम अब शहीद रेशम सिंह गुरुनानकपुरा रहेगा। इसके पीछे कोशिश यही रहेगी कि युवा पीढ़ी को शहीद के जीवन से प्रेरणा मिलें। इलाके के लोग इस चीज से काफी उत्साहित है। अमृतसर जिले से केवल एक नाम का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को गया था। इसके अलावा मलेरकोटला में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, मोगा में बाबा बंदा सिंह बहादुर व एक जिले में डॉ. बीआर अंबदेकर के नाम पर स्कूल का नाम रखा गया है।