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एक बार फिर किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर ‘इंडिया किडनी हॉस्पिटल’ घिरा विवादों में

गलत रिपोर्ट बनाकर किडनी स्कैंडल में आया था हस्पताल का नाम, पुलिस ने मामला भी किया था दर्ज

मरीज़ के परिवारिक सदस्यो ने हस्पताल स्टाफ और मालिक पर लगाए गंभीर आरोप

हस्पताल के डॉक्टर ने आरोपों को बताया निराधार, कहा – मरीज़ की पत्नी की किडनी में आई समस्या

जालंधर, 22 नवंबर (कबीर सौंधी) : जालंधर की इंडिया किडनी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर पेशेंट के परिवारिक सदस्यों ने हंगामा कर अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए।परिवारिक सदस्यों ने कहा कि डॉक्टर ने लाखो रुपए की पूरी रकम भी उनसे वसूली और उनके पेशेंट की हालत को खराब कर दिया। वह अस्पताल के डॉक्टर ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा डिप्रेशन की पत्नी के ट्रांसप्लांट करते समय उसकी किडनी में समस्या आ गई जिस कारण किडनी ट्रांसफर नहीं हो पाई।यह हस्पताल में किडनी स्कैंडल आने पर यह अस्पताल चर्चा का विषय भी बना रहा था और डॉक्टर पेशेंट की किडनी निकाल कर बेचने की आरोप भी लगे और मामला भी दर्ज हुआ था।

इस मौके पर पेशेंट सुनील अहीर की पत्नी जो हस्पताल में उपचारधीन है ने आरोप लगाया की उनकी किडनी गलत ट्रांसप्लांट तरीके से उनके पति को दी जा रही थी वहीं यह भी आरोप लगाया कि हो सकता है कि उनके पति की किडनी निकाल कर डॉक्टर ने बेच दी हो। महिला ने कहा कि उसकी किडनी डॉक्टर द्वारा निकाली गई है और अब उन्हें यह नहीं पता कि उनकी किडनी आगे डॉक्टर ने बेची है या फिर उन्होंने अपने पास ही रखी हुई है। किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए डॉक्टर ने उनसे 10 रुपए लाख भी लिए हैं।वही पीजीआई में उपचारधीन सुनील अहिर ने फोन पर खुद जानकारी देते कहा कि डॉक्टर द्वारा उसे डराया गया उनकी किडनी निकालनी पड़ेगी नहीं तो उसकी जान को खतरा बढ़ जाएगा। वही आरोप लगाया कि उसके साथ डॉक्टर ने धोखाधड़ी ही है।

 

यहाँ पर सुनील अहिर के भाई सुधीर अहीर ने कहा की उनके भाई की जान को खतरा है और उसका भाई पीजीआई में दाखिल है।उसने कहा उसके भाई की जान को खतरा है और यह सब डॉक्टर द्वारा किया गया है और डॉक्टर ने 10 लाख रुपए भी लिए है।रिपोर्ट को गलत बताकर नेगेटिव को पॉजिटिव कर लोगो की किडनिया निकालने का गोरखधंधा डॉक्टर द्वारा चलाया जा था है।

 वही इंडिया किडनी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा पेशंट का 2016 में पीजीआई में पहला ट्रांसपोर्ट हुआ था। उस दौरान ट्रांसप्लांट होने के बाद लगभग 3 साढ़े साल तक वह किडनी चली और बाद खराब हो गई। पेशेंट की पत्नी का 1 साल पहले भी किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो 3 महीने पहले भी सिम रिपोर्ट थी और अब जब रिपोर्ट नेगेटिव हुई तो उनके हस्ताक्षर लिए गए और किडनी ट्रांसप्लांट पर रिजेक्शन के बारे में भी बताया गया। डॉक्टर ने कहा कि उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है और वह अब उस पर दबाव बना रहे हैं जबकि उनसे इसके बारे में पहले बात हो चुकी थी।

 

अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलते पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और पुलिस अधिकारी ने कहा कि पेशेंट के इलाज को लेकर हंगामा हुआ है और अब परिवारिक सदस्यों और डॉक्टर के बीच बातचीत चल रही है।पेशेंट के इलाज के बारे में बातचीत हो रही है।

यहाँ पर कुछ ऐसे लोग भी पहुंचे जो पैसो की सेटिंग कर के मामले को दबा कर अपनी जेब गर्म कर के चलते बने।जिस की चर्चा सारे शहर में है।

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