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पंजाब में भ्रष्ट अधिकारियों पर विजीलैंस का बड़ा एक्शन

पंजाब के विभिन्न विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर शिकंजा कस रही विजीलैंस ब्यूरो ने आज अपने ही विभाग के इंस्पेक्टर को अरेस्ट कर लिया।

इंस्पेक्टर पर 5 हज़ार रूपए रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। आरोपी इंस्पेक्टर अमोलक सिंह विजीलैंस ब्यूरो रेंज अमृतसर में तैनात हैं।

विजीलैंस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर अमोलक सिंह को प्रभमेश मोहन वासी न्यू महिन्द्रा कालोनी अमृतसर की शिकायत पर अरेस्ट किया गया है। शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन शिकायत की थी। उसने बताया था कि वे और उसकी पत्नी नगर निगम अमृतसर में तैनात हैं। उन्हें साल 2021 भ्रष्टाचार के केस में अरेस्ट किया गया था।लेकिन आईओ इंस्पेकटर अमोलक सिंह द्वारा उनसे 5000 रूपए रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए सबूतों की गहराई से जांच के पश्चात इंस्पेक्टर को अरेस्ट किया गया है।

2 स्कूलों के प्रिंसिपल अरेस्ट

पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से चल रही भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अंतर्गत शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों सहित दो निजी व्यक्तियों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के अंतर्गत प्राप्त हुए 10,01,120 रुपए के फंडों का गबन करने के दोष के तहत गिरफ्तार किया है।

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने उक्त मामले के सम्बन्ध में राकेश गुप्ता, प्रिंसिपल सरकारी इन-सर्विस ट्रेनिंग सैंटर गुरदासपुर, अब प्रिंसिपल, सरकारी कन्या सीनियर सेकंडरी स्कूल भागोवाल, गुरदासपुर, रामपाल, लैक्चरार, सरकारी इन-सर्विस ट्रेनिंग केंद्र गुरदासपुर, अब प्रिंसिपल, सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल कथलोर, जि़ला पठानकोट, में तैनात, कृष्णा टैंट हाऊस के मालिक जतिन्दर कुमार और सिग्मा डैकोरेट नाम की फर्म के मालिक, तारागड़ के मुकेश महाजन के विरुद्ध एफआईआर 14, तारीख़ 01-11- 2022 को आइपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत ई. ओ. डब्ल्यू विंग, लुधियाना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की जांच के दौरान पाया गया कि उक्त इन-सर्विस ट्रेनिंग सैंटर गुरदासपुर को सिखलायी के लिए रमसा स्कीम के अधीन उक्त ग्रांट प्राप्त हुयी थी। उक्त स्कीम के अंतर्गत राकेश गुप्ता, प्रिंसिपल और लैक्चरार रामपाल ने आपस में मिल कर फंड हड़पने के लिए फर्जी फर्मों के जाली बिल तैयार किये। दोषियों ने सरकारी पैसे को अपने निजी बैंक खातों में ट्रांसफर करके और अलग-अलग तरह की सेवाएं, कुर्सियां, मेज़, टैंट और अन्य सामान किराये पर लेने के लिए जारी किये कुल 10,01,120 रुपए के फंडों का गबन करके सरकारी खजाने को नुक्सान पहुँचाया।

उन्होंने बताया कि इस जांच के आधार पर यह पाया गया कि उक्त दोषियों ने फंडों का दुरुपयोग किया है। इस सम्बन्धी ब्यूरो ने उक्त सभी मुलजिमों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे जांच जारी है।

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