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कविता में लफ्जों का इस्तेमाल बड़ी संजीदगी से होना चाहिए क्योंकि यह कई राज़ खोलते भी हैं और छिपाते भी हैं : पदम श्री डॉ. सुरजीत पातर

जालंधर, 11 अक्तूबर (धर्मेंद्र सौंधी) : ए.पी.जे. कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के पंजाबी विभाग द्वारा ‘नजम दे सुरमई रंग पदम श्री डॉ सुरजीत पातर संग’विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन करवाया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने डॉक्टर सुरजीत पातर का अभिनंदन करते हुए कहा कि आपका कॉलेज में आगमन ना केवल हमारे विद्यार्थियों के लिए बल्कि हम सबके लिए सौभाग्य का विषय है आप का आना हमारे कॉलेज के इतिहास में मील के पत्थर के समान है, उन्होंने कहा कि आपके व्यक्तित्व की चुम्बकीय सकारात्मक ऊर्जा से हमारा पूरा कॉलेज स्पंदित हो रहा है और हम यही चाहते हैं कि आप भविष्य में भी हमारे कॉलेज में आकर हमारे विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहें।

पदम श्री डॉ सुरजीत पातर ने अपनी काव्य- यात्रा को बयां करते हुए कहा कि बचपन में ही घर की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए मेरे पिता को विदेश जाना पड़ा और इसी बात की चुबक और मां की चेहरे की उदासी मुझे अंदर तक विचलित कर देती थी तभी से मैंने थोड़ी बहुत कविता करना शुरू कर दिया था और उसके साथ ही साथ कहावतें और लोक कथाएं मेरी कविता के लिए प्रेरणा बनी । उन्होंने बताया कि उनकी हर कविता के पीछे कोई ना कोई गहरा अनुभव जुड़ा हुआ है, कॉलेज आने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस कलाधाम में आकर और विद्यार्थियों की कलाकृतियों को देखकर मैं इतना अचंभित हूं जिसको मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी नज्में गाकर भी सुनाईऔर विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। इस अवसर पर लायलपुर खालसा कॉलेज की पंजाबी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ गोपाल सिंह बुट्टर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉक्टर सुरजीत पातर युगकवि है जिसको ना केवल पंजाब,भारत बल्कि पूरा विश्व मानता है। दोआबा कालेज के पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ ओमिन्द्र सिंह जोहल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सुरजीत पात्र शब्दों की सामर्थ्य के कवि हैं और आज वह हमारे आदर्श के रूप में हमारे सामने उपस्थित हैं। एपीजे कॉलेज के पंजाबी विभाग के अध्यक्ष श्री संदीप सिंह ने डॉ सुरजीत पात्र के जीवन से संबंधित डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत करते हुए उन पर लिखी हुई अपनी नज़्म भी प्रस्तुत की।

इस अवसर पर पंजाबी विभाग द्वारा करवाई गई विभिन्न प्रतियोगिताओं पोट्रेट मेकिंग, कैलीग्राफी एवं कविता लेखन में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को डॉ सुरजीत पातर जी एवं डॉ नीरजा ढींगरा जी के कर कमलों से सम्मानित भी करवाया गया। डॉ अमिता मिश्रा एवं विवेक वर्मा के निर्देशन में संगीत विभाग के विद्यार्थी शिवम ने लोकगीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। पंजाबी विभाग की प्राध्यापिका मैडम लवप्रीत कौर ने श्रेष्ठ मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने सेमीनार की अपार सफलता के लिए पंजाबी विभाग के अध्यक्ष श्री संदीप सिंह मैडम लवप्रीत कौर एवं मैडम अनुराधा के प्रयासों की भरपूर सराहना की।

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