जालंधर, 04 अक्तूबर (धर्मेंद्र सौंधी) : ए.पी.जे. कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाल जी का 103वां जन्मदिवस संस्थापक दिवस के रूप में मनाया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्ष,को प्रोमोटर एवं अध्यक्ष एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप, को फाउंडर एवं चांसलर एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी श्रीमती सुषमा पॉल बरलिया का संदेश पढ़ते हुए विद्यार्थियों को कहा कि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ सत्यपाल जी न केवल दूरदर्शी शिक्षाविद्, संवेदनशील समाजसेवी, सफल उद्योगपति थे बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय प्रतिभागिता करते हुए उन्होंने सच्चे भारतीय होने की भूमिका भी बड़ी ईमानदारी से निभाई।
सेठ सत्यपॉल जी की अध्यात्म, उर्दू शायरी एवं भारतीय संस्कृति में गहरी रुचि थी नैतिक मूल्यों तो जैसे उनकी रूह में बसे हुए थे। पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारियों को तन्मयता के साथ निभाते हुए ना केवल उन्होंने खुद सफलता के नए मुकाम स्थापित किए बल्कि अपने साथ उन्होंने दूसरों के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। संस्थापक दिवस के इस अवसर पर संगीत- विभाग के विद्यार्थियों ने डॉ अमिता मिश्रा एवं डॉ विवेक वर्मा के निर्देशन में सेठ सत्यपॉल जी के प्रिय भजन ‘विश्वपति के ध्यान में जिस ने लगाई हो लग्न’एवं ‘रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम’ भजनों की शानदार प्रस्तुति की।
इस अवसर पर जो विद्यार्थी नैतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं उनको सेठ सत्यपॉल अवार्ड से भी सम्मानित किया जाता है इस बार एम ए इग्लिश विभाग थर्ड सेमेस्टर की छात्रा पुण्या दीवान एवं बीडी सेमेस्टर 7th के छात्र दानिश जैन को डॉ सत्यपॉल सम्मान से सम्मानित किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने श्री सत्यपॉल सम्मान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वे इसी तरह सेठ सत्यपॉल जी की धरोहर का संरक्षण करते हुए अन्य विद्यार्थियों को भी उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए उन्होंने डॉ अमिता मिश्रा एवं मैडम मोनिका सेखों के प्रयासों की सराहना की।