जालंधर 29 सितंबर (धर्मेन्द्र सौंधी) : पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, के I-सोशल क्लब ने वारली कला पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया। वारली कला एक कला का ही रूप है जो महाराष्ट्र में उत्पन्न हुई है जिसमें वाली जनजाति के अर्ध-खानाबदोश स्वदेशी आबादी को दर्शाया गया है। छात्रों ने अपने कैनवास के रूप में चमकीले रंग की A4-आकार की चादरों का उपयोग किया, जहां उन्होंने त्रिकोण, वृत्त, वर्ग, बिंदु और डैश जैसी ज्योमेट्रिक आकृतियों को अंकित किया, जो सरल लेकिन शानदार दिखती थीं। लगभग सोलह विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
यह गतिविधि छात्रों को महाराष्ट्र के इस अविश्वसनीय कला रूप से परिचित कराने में उपयोगी रही। बी.ए. सेमेस्टर तृतीय की कुमारी कृष्णा ने प्रथम पुरस्कार, बी.ए. सेमेस्टर पांचवां की कविता ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। बी.ए. सेमेस्टर प्रथम की गौरी ने तीसरा स्थान हासिल किया और बीकॉम सेमेस्टर पांचवां की पुनीत कौर को सांत्वना पुरस्कार मिला। अध्यक्ष नरेश कुमार बुधिया जी, कॉलेज की प्रबंधक समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने राष्ट्रहित में इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजित करने पर क्लब के प्रयासों की सराहना की।