जालंधर, 27 सितंबर (हरजिंदर सिंह) : दलबदलना सियासत के खेल का पुराना पैंतरा है और बहुत से सियासत दान राजनीति में इस पैंतरे का प्रयोग कर ही लेते हैं। लेकिन जीवन की कोई न कोई कड़ी उन्हें पुराने दल से जोड़े रखती है। अब जैसे कि बस्तीयात क्षेत्र के एक सुंदर नेता जी को ही ले लीजिए जो हाल ही में भाजपा छोड़कर आप में गए हैं। उक्त नेता जी जोकि भाजपा के कमल को छोड़कर आप का झाड़ू थाम चुके हैं उनकी रोजी रोटी उन्हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर की बदौलत चलती है जिसे इन्होंने अपनी दुकान पर लगाया है।
तस्वीर लगाना इनकी मजबूरी भी है क्योंकि इनका रोजगार प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से जुड़ा है और अब आप ही बताइए आप के जिस नेता के घर का चूल्हा मोदी जी की तस्वीर के सहारे जलता है उसमें भाजपा कूट कूटकर भरी है या फिर आप के झाड़ू के तिनके। चलिए जो भी है हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे लेकिन इनको भाजपा में होने की सीख इनकी दुकान पर दवाइयां खरीदने आने वाले ग्राहक भी देते रहते हैं और ऊपर से ये महाशय कहते हैं कि जब विधानसभा चुनाव में मुझ पर एक धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज होने वाला था तब मेरा साथ भाजपाइयों ने नहीं दिया
अब भला इनसे कोई ये पूछे इनको सबसे ज्यादा सहारा भी तब भाजपा की तरफ से विधानसभा चुनाव लडऩे वाले नेता ने ही दिया था। इन नेता जी के बारे में मशहूर है कि ये या तो खुद निगम चुनाव लड़ेंगे या अपनी पत्नी को लड़ाएंगे इसका सीधा मतलब है दल बदलना भी टिकट पर आधारित है। उक्त नेता जी ने दलबदलने से पहले किस किस दल में अप्रोच किया था उसके बारे में हम अगली किश्त में बताएंगे। वैसे ये बता दें कि इन नेता जी का नाम जिस अक्षर एस से शुरू होता है इनका सरनेम भी एस से ही शुरू होता है। बाकी आप तो समझ ही गए होंगे।