जालंधर, 04 सितंबर (कबीर सौंधी) : जालंधर नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र में पंजाब निर्माण विभाग द्वारा दी गई 60 लाख की ग्रांट के घपले के मामले में माननीय अदालत जालंधर द्वारा सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी गई है लेकिन हैरानी की बात है कि जालंधर पुलिस आखिर इन आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही है।
खास बात यह है कि यह पूरा ही घपला कांग्रेस के दो पार्षद सुशील कालिया विकी और दीपक शारदा के परिवारों से जुड़ा हुआ है जो कि विधायक बावा हैनरी के नजदीकी हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार जो कि घपलेबाज और भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों तक पहुंचाने का दावा करती है उस दावे को जालंधर पुलिस कहीं ना कहीं विफल करती दिखाई दे रही है।
यही कारण है कि जालंधर पुलिस इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी आरोपियों को काबू नहीं कर सकी. अब देखना होगा माननीय अदालत द्वारा सभी आरोपियों की जमानत रद्द करने के बाद क्या जालंधर पुलिस इन आरोपियों तक पहुंच पाएगी या फिर आम आदमी पार्टी की सरकार का भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का सपना सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही रहेगा.