दिल्ली, 21 अगस्त (ब्यूरो) : दिल्ली में शराब घोटाले मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद अब मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया जाएगा. दरअसल, CBI ने इस मामले में ईडी को दस्तावेज सौंपे हैं. इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई छापे के बाद आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की। दिल्ली शराब नीति के संबंध में मनीष सिसोदिया और उनके अधिकारियों के ठिकानों पर CBI रेड को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में आर-पार की जंग चल रही है।
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जांच में सीबीआई को कुछ नहीं मिलेगा तो बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल जिसे कट्टर ईमानदार बोल दें, वही कट्टर भ्रष्ट निकलता है। माना जा रहा है कि ईडी धन शोधन निवारण कानून की आपराधिक धाराओं के तहत औपचारिक मामला दर्ज करने से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले का ब्यौरा, विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच करेगी। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक एफआईआर दर्ज करने के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है। दिल्ली सरकार ने जुलाई में इस नीति को खत्म कर दिया था। सिसोदिया के पास उत्पाद और शिक्षा सहित कई विभाग हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पिछले महीने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी।