दवाई बनाने वाली कंपनी से 1400 करोड़ की ड्रग्स बरामद, 5 लोग गिरफ्तार
महाराष्ट्र, 04 अगस्त (ब्यूरो) : मुंबई पुलिस ने पालघर जिले के नालासोपारा में एक दवा बनाने वाली कंपनी पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान 1400 करोड़ रुपये की 700 किलोग्राम से ज्यादा मेफेड्रोन (ड्रग्स) जब्त किया गया। पुलिस ने छापे के दौरान 5 लोगों को भी गिरफ्तार किया हैं।
एंटी नारकोटिक्स सेल ने की रेड
छापा मुंबई क्राइम ब्रांच के एंटी नारकोटिक्स सेल (ANC) ने मारा है। सेल ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर ये कार्रवाई की गई है। उन्हें जानकारी मिली थी कि कंपनी में मेफेड्रोन नाम की प्रतिबंधित दवा का निर्माण किया जा रहा है।
नशीली दवाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई में सबसे बड़ा एक्शन
एनसी अधिकारी ने बताया कि चार आरोपियों को मुंबई में गिरफ्तार किया गया है। जबकि एक व्यक्ति को पालघर के नालासोपारा से अरेस्ट किया गया। क्राइम ब्रांच का दावा है कि पिछले कुछ दिनों में नशीली दवाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई में ये सबसे बड़ा एक्शन है। मेफेड्रोन को ‘म्याऊ म्याऊ’ या एमडी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है। यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित पदार्थ है।
गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर की थी 9000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद
बता दें कि इसी तरह की कार्रवाई डीआरआई की टीम ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 20 सितंबर 2021 को किया था। यहां से 9000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की गई थी। एजेंसी के अधिकारियों ने वहां से 2,988.22 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। ड्रग्स की इस खेप का कनेक्शवन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से था। दरअसल, पकड़ी गई नशे की खेप विजयवाड़ा की आशी ट्रेडिंग कंपनी के आयात किए गए पैकेज के अंदर छिपी हुई थी। यह कंपनी अफगानिस्तान से टैल्क पत्थरों को आयात करने का दावा करती है और उन्हें ईरान के अब्बास पोर्ट से गुजरात की मुंद्रा पोर्ट भेजती है।
विजयवाड़ा की कंपनी पर आरोप है कि वह कंधार में हसन हुसैन लिमिटेड से आयातित ‘टैल्कम पाउडर’ के नाम पर हेरोइन की तस्करी कर रही थी। जिसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इसे डीआरआई द्वारा बरामद की गई ड्रग की सबसे बड़ी खेप बताया गया था, जिसकी कीमत 9,000 करोड़ रुपये थी।