जालंधर, 03 अगस्त (ब्यूरो) : जालंधर नगर निगम के साथ साथ जालंधर कांग्रेस में घमासान मच गया है। डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल मेयर जगदीश राजा के इस्तीफे को लेकर है। क्योंकि जिस तरह से जालंधर वेस्ट के पूर्व विधायक सुशील रिंकू ने डिप्टी मेयर बंटी के खिलाफ शिकायत दी थी, जालंधर सैंट्रल हलके के पूर्व विधायक राजिंदर बेरी ने भी मेयर जगदीश राजा के खिलाफ पार्टी हाईकमान को शिकायत दी हुई है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जालंधर की दो सीटें हार गई। जालंधर सैंट्रल हलके से राजिंदर बेरी महज 150 के आंकड़े से भी कम वोटों से हार गए। चुनाव में मेयर जगदीश राजा और उनके साथ कुछ पार्षदों ने राजिंदर बेरी का खुलेआम विरोध किया। जिससे राजिंदर बेरी चुनाव हारे तो सीधे पार्टी हाईकमान को शिकायत दे दी। इसमें मेयर जगदीश राजा के साथ कुछ पार्षदों ने राजिंदर बेरी का खुलेआम विरोध किया था।
कुछ ऐसा ही जालंधर वेस्ट हलके के सुशील रिंकू के साथ हुआ। सुशील रिंकू ने डिप्टी मेयर और उनके गुट के पार्षदों ने चुनाव में साथ नहीं दिया। जिससे रिंकू चुनाव हार गए। इसके बाद रिंकू ने पार्टी हाईकमान से शिकायत कर दी। पार्टी हाईकमान ने एक्शन लेते हुए डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया और अगले ही दिन डिप्टी मेयर बंटी ने अपनी साख बचाने के लिए इस्तीफा दे दिया।
अब जब कांग्रेस ने डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, तो मेयर जगदीश राजा को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व विधायक राजिंदर बेरी ने पार्टी हाईकमान से मांग की है कि मेयर जगदीश राजा समेत उन पार्षदों पर कार्ऱवाई की जाए। जिन्होंने चुनाव के दौरान खुलेआम कांग्रेस का विरोध किया था।
जिससे अब जालंधर कांग्रेस में नई चर्चा शुरू हो गई। चर्चा यह है कि क्या राजिंदर बेरी की कांग्रेस हाईकमान में सुनवाई नहीं हो रही है, या फिर मेयर जगदीश राजा को बचाया जा रहा है। क्योंकि डिप्टी मेयर से ज्यादा शिकायत मेयर जगदीश राजा की हुई। बावजूद जगदीश राजा को अभी तक पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है।