चंडीगढ़/फिरोजपुर 25 जुलाई (ब्यूरो) : ड्रग्सऔर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को जारी रखते हुए, पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने सोमवार को एक इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जिन्होंने दो लोगों को ड्रग मामले में झूठा फंसाया और मोटी रकम की वसूली भी की।
बर्खास्त किए गए पुलिस कर्मियों की पहचान फिरोजपुर में नारकोटिक कंट्रोल सेल में तैनात इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह बाजवा, एएसआई अंग्रेजी सिंह और हेड कांस्टेबल जोगिंदर सिंह के रूप में हुई है। इंस्पेक्टर बाजवा को पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) फिरोजपुर रेंज जसकरण सिंह ने बर्खास्त कर दिया है, जबकि एएसआई अंगरेज और हेड कांस्टेबल जोगिंदर को एसएसपी फिरोजपुर सुरेंद्र लांबा ने उनकी सेवाओं में घोर लापरवाही के लिए बर्खास्त कर दिया है।
NDPS एक्ट के तहत FIR
पुलिस ने 25 जुलाई, 2022 को तीनों आरोपियों के खिलाफ फिरोजपुर छावनी थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 166, 167, 195, 471, 218 और 120-बी और धारा 21, 59, और 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि इंस्पेक्टर बाजवा, एएसआई अंगरेज और हेड कांस्टेबल जोगिंदर के नेतृत्व में एंटी-नारकोटिक सेल की एक टीम ने अन्य पुलिस के साथ मिलकर 20 जुलाई, 2022 को दो लोगों को गिरफ्तार किया था, और कथित तौर पर उन्हें 1 किलो हेरोइन लगाकर और उनके कब्जे से 5 लाख रुपये की वसूली दिखाकर झूठे ड्रग मामले में फंसाया। पुलिस थाना फिरोजपुर छावनी में आरोपी निरीक्षक बाजवा द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
उन्होंने कहा कि जाहिर है, एसएसपी फिरोजपुर के लिए वसूली संदिग्ध थी, जिसके बाद बाद में आंतरिक स्तर पर मामले की जांच शुरू हो गई, जब पुलिस को एक व्यक्ति से आरोपी पुलिस द्वारा अपने कर्मचारी के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाने की शिकायत भी मिली थी।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मुख्य रूप से यह सामने आया है कि आरोपी पुलिस ने पूरे मामले को गढ़ा था और दोनों व्यक्तियों को उनसे जबरन वसूली के इरादे से गलत तरीके से फंसाया था। उन्होंने कहा कि विस्तृत पूछताछ के दौरान जब आरोपित पुलिसकर्मियों से पूछताछ की गई तो उनके पास कोई स्पष्टीकरण नहीं था और बाद में संदेह को और बढ़ाते हुए वे भी रहस्यमय तरीके से फरार हो गए।
पंजाब को नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, डीजीपी गौरव यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्दी में काली भेड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि कोई पुलिस अधिकारी / अधिकारी इसमें लिप्त पाया जाता है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से सख्ती से निपटा जाएगा।