मोहाली, 22 जुलाई (ब्यूरो) : पंजाब से बड़ी खबर आ रही है। सीबीआई कोर्ट ने अपहरण और गुमशुदगी के 30 साल पुराने मामले में एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सहित तीन पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है और सजा सुनाई है। अदालत ने 1992 के इस मामले में तीनोंं पुलिसकर्मियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है। जबकि पांच आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, 1992 में अमृतसर के गांव पौरसी राजपूत से सुरजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति को किडनैप किया गया था। इसी मामले में मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। इस मामले में 9 लोग आरोपी थे। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। सीबीआई कोर्ट ने रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी बलकार सिंह, रिटायर्ड एसएचओ उधम सिंह, सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। अदालत ने तीनों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई।
डीएसपी बलकार सिंह व एसएचओ उधम सिंह को सजा
आरोप है कि 1992 में अमृतसर के गांव पौरशी राजपूत से 7 मई 1992 को सुरजीत सिंह नाम के शख्स व उसके चार साथियों को गांव की घेराबंदी करने दौरान तत्कालीन डीएसपी बलकार सिंह व एसएचओ उधम सिंह व अन्य पुलिस पार्टी ने पकड़ लिया था और उन्हें साथ ले गए थे।
मामले के अनुसार सुरजीत सिंह के बाकी साथियों को छोड़ दिया गया था। आरोप था कि पुलिस टीम ने सुरजीत सिंह का एनकाउंटर कर दिया और उसकी लाश खुर्द बुर्द कर दी थी। इसके बाद उसकी गुमशुदगी की बात होती रही।
इसके बाद मामला गर्माने के बाद मामले की जांच हुई। शुक्रवार को मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने रिटायर्ड आइपीएस बलकार सिंह , रिटायर्ड एसएचओ उधम सिंह व मौजूदा सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह को मामले में सजा सुनाई है।