तब रास्ते का पत्थर भी मंजिल की सीढ़ी बन जाता है : नवजीत भारद्वाज
मां बगलामुखी धाम में गुरुवार को होगा गुरु पूर्णिमा उत्सव
जालंधर, 07 जुलाई (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले ब्राह्मणों ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर आज की मुख्य यजमान बलजिंदर सिंह से सपरिवार से पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतिया डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जैसे दिन को सजाता है सूर्य और रात को सजाता है चांद, वैसे ही मानव जीवन को सौन्दर्य से युक्त करने का काम सद्गुरु करते हैं किंतु यह अनुपम उपलिब्ध केवल सद्गुरु बनाने से प्राप्त नहीं होती है, बल्कि सद्गुरु के चरणों का दास बन जाने के बाद ही मानव जीवन शोभायमान होता है। संसार में चाहे कोई कितना ही बड़ा ज्ञानी हो अथवा ध्यानी, सिद्घ, संत हो या कोई महान विज्ञानी, चिकित्सक हो या शिक्षक, कोई उद्योगी हो या व्यवसायी जब तक उसे सद्गुरु प्राप्त नहीं होते तब तक उसका जीवन गरिमा से युक्त नहीं होता।
नवजीत भारद्वाज ने कहा कि प्रात:काल पूर्व दिशा में लालिमा लिए उदित होने वाला सूर्य समस्त ब्रह्माण्ड की आंख बनकर प्रकट होता है। सबको प्रकाशित करता है लेकिन यह बाहर की आंख है, बाहर का प्रकाश है, जिससे इंसान के बाहर की ओर खुले हुए चर्म चक्षुओं को लाभ प्राप्त होता है। जिससे संसार का सौन्दर्य दिखता है और मनुष्य इस असार की ओर आकर्षित हो जाता है। संसार सागर में अंधेरे और उजाले दोनों हैं। यह जरूरी नहीं कि जो आप अपने इन बाहर खुले हुए नेत्रों से देख रहे हैं, जो दृश्य साफ-साफ दिखाई दे रहा है वह सत्य का ही उजाला हो। उस चमकते हुए उजाले की परत के पीछे छिपा हुआ घना अंधकार भी हो सकता है। इस मानव देह में एक तीसरा ज्ञान चक्षु भी होता है,
जिसके द्वारा अंधेरों और उजालों का अन्तर समझ आता है। जिसके द्वारा संसार नहीं संसार को बनाने वाला, लाखों-करोड़ों प्रकाशित सूर्य भी जिसकी बराबरी नहीं कर सकते, ऐसा जो ज्योति स्वरूप है, जो कण-कण में बसा हुआ है, सर्वव्यापक है, वह महान करतार दिखाई देता है। इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज, संजीव कुकन,संजय बब्बा, सुमित शर्मा,विनय शर्मा, अंजु शर्मा,ईशा शर्मा, पूर्वी शर्मा, अराध्या, रोहित बहल, यज्ञदत्त,पंकज, राजेश महाजन, बावा खन्ना, मोहित बहल, संजय, बलदेव राज, रोहित भाटिया, राकेश प्रभाकर,गोपाल मालपानी, बावा जोशी, ओमकार सिंह,राकी, समीर चोपड़ा, अश्विनी शर्मा, विक्र म भसीन,विक्रांत शर्मा,संजीव शर्मा, मानव शर्मा,
बावा खन्ना, राजीव, सुरेंद्र सिंह, दिशांत शर्मा, ठाकुर बलदेव सिंह, बावा जोशी, राजेंद्र कत्याल, गौरव कोहली, गितेश, गुलशन शर्मा, पूनम प्रभाकर, एडवोकेट राज कुमार, सुरेंद्र शर्मा,अमति कुमार, सुदेश शर्मा, राहुल शर्मा, रमन शर्मा, प्रशांत, सुमित,राजेश महाजन, रोहित मल्होत्रा, राजन पाटनी, नीरज, प्रशांत, अजय, मनी, विनोद खन्ना, रवि कुमार, सौरव, शाम लाल, मुकेश चौधरी, संजीव शर्मा, साहिब, राजीव, दीशांत शर्मा, राजन शर्मा, प्रिंस, सौरभ मल्होत्रा, राकेश, प्रवीण,अनीश शर्मा, अशोक शर्मा, सुनील जग्गी , दीपक ,पंकज, प्रवीण, जसविंदर सिंह, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, इकबाल, प्रवीण, जसविंदर सिंह, दीपक ,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।