जालंधर, 02 जुलाई (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में। सात दिनों की सूचनात्मक यात्रा ने विज्ञान से लेकर मानविकी, आत्म-प्रेरणा, आईसीटी उपकरणों के उपयोग, अनुसंधान प्रस्तावों को तैयार करने और शिक्षा प्रणाली में सुधारों पर विचार करने जैसे कई विषयों को छुआ। प्राचार्य डॉ. अजय सरीन व आयोजन समिति के सदस्यों ने छठे दिन के रिसोर्स पर्सन का किया स्वागत-डॉ. रेणु भारद्वाज और डॉ. जीएनडीयू, अमृतसर से गगनदीप। व्यक्तित्व को निखारते हुए डॉ. कई उपयुक्त विशेषणों के साथ रेणु, डॉ. अजय सरीन ने उनके मिलनसार स्वभाव की प्रशंसा की। डॉ। सरीन ने बताया कि इस एफडीपी को आयोजित करने के पीछे का उद्देश्य शिक्षकों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना है। प्राचार्य ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अन्य संस्थानों के प्रतिभागियों का भी आभार व्यक्त किया। अपनी प्रस्तुति में डॉ. रेणु भारद्वाज ने अनुसंधान के संबंध में एनईपी 2020 की अनूठी विशेषताओं की शुरुआत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समस्याओं के ठोस समाधान खोजने के लिए अनुसंधान एक उपयोगी घटक है और एक संस्था के विकास का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि यह सरकार द्वारा शुरू की गई नई नीतियों और सुधारों को कितनी तेजी से और प्रभावी ढंग से लागू करता है। उन्होंने प्रभावी शोध प्रस्ताव तैयार करने पर विस्तार किया। इसी तरह के नोट पर डॉ. गगनदीप ने क्या करें और क्या न करें, की ओर इशारा करते हुए अनुदान प्रस्ताव तैयार करने पर अपने विचारों को आगे बढ़ाया। प्रतिभागियों ने कविताओं, गीतों और चुटकुलों के माध्यम से जीवंतता से सराबोर सांस्कृतिक सत्र का भी आनंद लिया।
समापन सत्र से पहले डॉ. बीपीएस महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत से शैफाली नागपाल ने शिक्षा प्रणाली की वर्तमान स्थिति और इसमें सुधार की आवश्यकता पर एक संवाद सत्र आयोजित किया। उन्होंने अतीत और वर्तमान प्रणाली के बीच तुलना की और यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि पूरे शैक्षणिक क्षेत्र को एक बदलाव और पुनर्रचना की आवश्यकता है। समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. सुरेंद्र सेठ, स्थानीय समिति के सदस्य। उन्होंने शिक्षण की प्रक्रिया को प्रभावी और रोचक बनाने के लिए “गुरु मंत्र” सूचीबद्ध किए। उन्होंने टिप्पणी की कि एक “गुरु” अंधेरी दुनिया में प्रकाश लाता है और इस तरह एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देता है। समापन भाषण में प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने आयोजन समिति को बधाई दी जिसमें डॉ. अंजना भाटिया। डॉ। सीमा मारवाहा, सौ. सलोनी, डॉ. नीलम शर्मा, डाॅ. हरप्रीत सिंह और अन्य सभी सदस्यों को एक सफल एफडीपी आयोजित करने के लिए। उन्होंने प्रतिभागियों से सीख को अपने दिल में उतारने और बेहतर इंसान और बेहतर शिक्षक बनने का आग्रह किया। उन्होंने पुनर्नवीनीकरण कागजों से तैयार किए गए प्रमाणपत्रों के एक और नवाचार की ओर भी इशारा किया जो पर्यावरण को बचाकर सतत विकास के संदेश को फैलाएगा। श्रीमती। रूबी और डॉ. दोआबा कॉलेज की रजनी ने एचएमवी द्वारा एफडीपी के प्रभावशाली संचालन पर प्रसन्नता व्यक्त की और फीडबैक में टीम के प्रयासों की सराहना की। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र के वितरण के साथ एफडीपी एक सफल समापन के करीब आया।