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जालंधर, 24 जून (कबीर सौंधी) : कॉलेजों के लिए पंजाब सरकार की डीबीटी स्टार योजना के तत्वावधान में और प्रिंसिपल प्रो डॉ (श्रीमती) अजय सरीन के सक्षम मार्गदर्शन की तलाश में, ‘गुरु सिद्धा’ पर सात दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) 24 जून, 2022 को शुरू किया गया था। हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर के परिसर में। कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र दीप और डीएवी गान के साथ हुई। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री। एन.के. सूद – डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष स्थानीय समिति और डीएवी प्रबंधन संस्थान, फरीदाबाद के प्रधान निदेशक डॉ. सतीश आहूजा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

एफडीपी के प्रथम सत्र में डॉ. अनीश दुआ – डीन छात्र कल्याण, प्राणी विज्ञान विभाग, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर और दूसरे सत्र में डॉ. मैशा सिक्का – आहार विशेषज्ञ, टैगोर अस्पताल, जालंधर मुख्य अतिथि थे। प्राचार्य प्रो. (डॉ.) श्रीमती अजय सरीन ने मुख्य अतिथियों को पौधारोपण भेंट कर स्वागत किया। इसके अलावा, डॉ अजय सरीन ने संकाय विकास कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया और कहा कि ज्ञान कोई उम्र नहीं चाहता। उन्होंने कहा, एक छात्र का जीवन वास्तव में अपरिहार्य है जिसमें वे अपने जीवन को पूर्ण बनाने के लिए कई तकनीकों और विधियों को सीखते हैं। एक वास्तविक शिक्षक वह हो सकता है जो अपने छात्रों को ठोस उपकरणों और शिक्षाशास्त्र का उपयोग करके पढ़ाता हो। इसके अलावा, डॉ सतीश आहूजा ने संकाय विकास कार्यक्रम की अनिवार्यताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि इस तरह के शिक्षण कार्यक्रम शिक्षक के व्यक्तित्व को बढ़ाते हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री। एन.के. सूद ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और टिप्पणी की कि एक शिक्षक डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी पैदा करने का कारण है।

इसलिए, एक शिक्षक हमारे समाज में अत्यधिक सम्मानित व्यक्तित्व है। एफडीपी के पहले सत्र में डॉ. अनीश दुआ ने शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में समकालीन आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने कहा, एक शिक्षक को अपने छात्रों के लिए एक आदर्श होना चाहिए। हमें शिक्षण पेशे को बोझ के रूप में पेश नहीं करना चाहिए। हमें कुछ नया सीखने में भी खुद को शामिल करना चाहिए ताकि हमारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सके। एफडीपी के दूसरे सत्र में डॉ मनीषा सिक्का ने संतुलित आहार पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा, अगर हम अपने दैनिक जीवन में संतुलित और स्वस्थ आहार का पालन करें तो हम अपनी सेवाएं सही तरीके से दे सकते हैं। स्वस्थ जीवन प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने में सहायक होता है। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. अंजना भाटिया थीं। कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती सलोनी, आयोजक डॉ. हरप्रीत सिंह, कोर कमेटी के प्रभारी डॉ. सीमा मारवाह, डॉ. नीलम शर्मा, डॉ. अनिल भसीन, डॉ. जतिंदर कुमार, श्रीमती गगनदीप, डॉ. राखी मेहता, श्री आशीष चड्ढा थे। भी मौजूद है। श्रीमती सलोनी शर्मा, प्रमुख भौतिकी विभाग ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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