जालंधर, 15 जून (धर्मेंद्र सौंधी) : प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन, युवा कल्याण विभाग और पीजी हिंदी विभाग, हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर के सक्षम मार्गदर्शन और उत्साहजनक समर्थन के तहत, “विभिन्न सांस्कृतिक के लिए टिप्स और ट्रिक्स” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के लिए प्रख्यात अध्यक्ष और लेखक डॉ. एम. रफ़ी को संसाधन व्यक्ति के रूप में आमंत्रित किया गया था। प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने पौधारोपण एवं उपहार देकर वक्ता का स्वागत किया। डॉ. ज्योति गोगिया, प्रधान, हिन्दी स्नातकोत्तर विभाग ने डॉ. रफी का संक्षिप्त परिचय देते हुए कार्यशाला की शुरुआत की। युवा कल्याण विभाग की डीन श्रीमती नवरूप ने स्पीकर का औपचारिक स्वागत किया। डॉ रफी ने अपने कठिन बचपन की कुछ घटनाओं को दिखाकर अपनी बात शुरू की और छात्रों को जीवन में कभी हार न मानने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि किसी के जीवन में परिस्थितियाँ कितनी भी भयानक क्यों न हों लेकिन शिक्षा और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। फिर उन्होंने नाटक, कविता और वाद-विवाद की विभिन्न तकनीकों को साझा किया और दर्शकों से कुछ छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक वस्तुओं के लिए अपनी युक्तियों और युक्तियों का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए आमंत्रित किया।
संगीत गायन विभाग के प्रमुख डॉ. प्रेम सागर ने डॉ. रफी की प्रशंसा में एक गीत समर्पित किया, जिसे सभी ने पसंद किया। प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने युवा कल्याण विभाग और हिंदी विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कला हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं हमारे छात्र को अधिक आत्मविश्वास और समग्र रूप से विकसित महसूस कराती हैं। श्रीमती नवरूप ने धन्यवाद प्रस्ताव देकर कार्यशाला का समापन किया। इस अवसर पर आईक्यूएसी की समन्वयक डॉ. अशमीन कौर, श्रीमती ममता, श्रीमती कुलजीत कौर, श्रीमती वीना अरोड़ा और श्रीमती नीता मलिक भी उपस्थित थीं।