चंडीगढ़/रूपनगर, 11 जून (ब्यूरो) : पंजाब में अवैध खनन के मामला की जांच अब धीरे-धीरे पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तरफ जा रही है। यही नहीं, पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के एक करीबी को इस मामले में गिरफ्तार किया है और चन्नी की संलिप्तता को लेकर पूछताछ की जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में पंजाब की सियासत और गरमा सकती है।
पंजाब की भगवंत मान सरकार में विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से पूर्व वन मंत्रियों साधू सिंह धर्मसोत और संगत सिंह गिलजियां पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसते देख रूपनगर पुलिस भी हरकत में आ गई है। श्री चमकौर साहिब थाना में इसी साल 25 जनवरी को दर्ज जंगलात विभाग की जमीन में से पौधे गिराकर अवैध खनन के मामले में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के करीबी समर्थक इकबाल सिंह सालापुर को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में कई राजफाश हो सकते हैं
सूत्रों के अनुसार सालापुर की गिरफ्तारी के बाद मामले में कई राजफाश हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी जो अब तक यही कहते आए हैं कि उनका अवैध कारोबार से कोई संबंध नहीं है, तक भी इस मामले की आंच पहुंच सकती है। अहम बात ये है कि जिंदापुर में जंगलात विभाग के रकबे में से भी खनन का मामला पिछले साल जंगलात विभाग के ही तत्कालीन ब्लाक रेंज अधिकारी ने उठाया था, तब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी थे।
उस शिकायत पर तो कछुआ चाल कार्रवाई हुई, लेकिन रेंज अधिकारी का तबादला राकेट की गति से हो गया। उसके बाद मामला दब गया था। तत्कालीन रेंज अधिकारी राजवंत सिंह ने 18 नवंबर 2021 को तत्कालीन एसएचओ को अवैध खनन के बारे में पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा था।
तत्कालीन एसडीएम को भी पत्र लिखा
जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 22 नवंबर 2021 को तत्कालीन एसडीएम को भी पत्र लिखा था। इसमें पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की अपील की थी। रेंज अधिकारी ने प्रतियां अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को भी भेजी थीं।
सियासी दावपेंच से अब तक आरोपित इकबाल सिंह सालापुर पुलिस की कार्रवाई से खुद को बचाता रहा है। सालापुर के खिलाफ साल 2016, 2017 और 2020 में अवैध खनन के आरोप में अलग अलग मामले दर्ज होते रहे, लेकिन आरोपित किसी तरीके से बचता रहा।
इसी साल 22 जनवरी को अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर सालापुर समेत कइयों की फोटो जारी करके अवैध खनन मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा था। इसके बाद श्री चमकौर साहिब थाना में उपरोक्त एफआइआर दर्ज की गई थी।