जालंधर 6 जून (धर्मेन्द्र सौंधी) : आज गोपाल नगर गोली कांड के डेढ़ महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी क्यों नहीं पकड़ रही पुलिस मुख्य आरोपी पूनीत सोनी (पिंप्पू) , अमन सेठी व मिर्ज़ा को। पुनीत सोनी पिंप्पू, ये वह मुख्य आरोपी हैं जिसने हिमांशु सौंधी पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जोकि वहां से गुज़र रहे राहगीर हरमेल सिंह की टांग पर जा लगी। वहीं दूसरा मुख्य आरोपी अमन सेठी, जिसने अपनी गाड़ी से उतरते वक्त हिमांशु सौंधी को जातिसूचक शब्द कहे व गालियां भी दी। फिर अमन सेठी ने अपने साथी पिंप्पू को कहा कि आज हिमांशु सौंधी को मौत के घाट उतार दो, आज यह अकेला है। तो तीसरा मुख्य आरोपी मिर्ज़ा जिसने हिमांशु सौंधी को पकड़ते वक्त उस पर तेजधार हथियार से अंधाधुंध वार किया परंतु हिमांशु ने अपनी सूझबूझ से मिर्ज़ा की पकड़ से खुद को छुड़वाया और वहां से अपनी जान बचा कर भागा।
अब सवाल यह है कि इन क्रिमिनल्स को पुलिस क्यों नहीं पकड़ रही। क्या पुलिस की मिलीभगत से ही यह आरोपी अभी तक आजाद हैं या पुलिस पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव है ? ऐसे अपराधियों का यूं पुलिस की गिरफ्त से बाहर होना पुलिस की कारगुजारी पर सवालियां निशान उठाती है।
इस मामले की जांच जब तत्कालीन पुलिस कमिश्नर स. गुरप्रीत सिंह तूर ने अपने अधीन ली तो उन्होंने 4 आरोपियों को हवालात तक पहुंचा दिया लेकिन अब सवाल यह है कि जो मुख्य आरोपी बचे हैं उनकी गिरफ्तारी नए पुलिस कमिश्नर स. गुरशरन सिंह संधू कितनी जल्दी करवाने में सफल होते हैं। इन अपराधियों की गिरफ्तारी नए पुलिस कमिश्नर के लिए साक का सवाल बन सकती है। क्योंकि यह एक ऐसा हमला था जो अभी तक मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इन अपराधियों से खतरनाक हथियार मिलने की शंका भी हैं।