नई दिल्ली 3 जून (ब्यूरो) : सरकार की तरफ से पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम किए जाने के बाद एक और खुशखबरी आ रही है। इस बार यह गुड न्यूज सात समंदर पार से आई है। इस खबर को पढ़कर आप वाकई खुश हो जाएंगे। जी हां, यह फैसला आपके हक में हो सकता है। अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के रेट और कम होने की संभावना है।
दरअसल, क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ती कीमत को नीचे लाने के लिए ओपेक प्लस देशों की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। क्रूड ऑयल 112-118 डॉलर प्रति बैरल की रेंज में बना हुआ है। पिछले चार महीने में क्रूड के दाम नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। तेल की बढ़ती कीमत से महंगाई का ग्राफ बढ़ रहा है। लेकिन अब OPEC+ देशों ने Crude की आग शांत करने का फैसला लिया है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस समेत अन्य सहयोगी देशों ने जुलाई-अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले से क्रूड के भाव में कमी आने की संभावना है। OPEC+ देशों ने जुलाई-अगस्त में 6.48 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड उत्पादन करने का फैसला लिया है।
OPEC+ देशों के इस कदम से
पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आने की संभावना है। इसका असर यह हो सकता है कि बढ़ती महंगाई से प्रभावित हो रही दुनियाभर की
अर्थव्यवस्था को कुछ राहत मिले। साल 2020 में कोरोना महामारी के समय लॉकडाउन लगने पर कच्चे तेल की खपत में कमी आई थी। इससे क्रूड का भाव भी नीचे आ गया था। उस समय दाम स्थिर रखने के लिए OPEC+ देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की थी।
अभी OPEC+ देश रोजना 4.32 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड का उत्पादन कर रहे हैं। इसे अगले महीने से 2.16 लाख बैरल बढ़ाकर 6.48 लाख बैरल प्रतिदिन करने पर सहमति बनी है। योजना के तहत OPEC+ देश अभी क्रूड प्रोडक्शन बढ़ाना नहीं चाहते थे। लेकिन, अमेरिका में पेट्रोल का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह फैसला लिया गया। 2022 की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कच्चा तेल 54 फीसदी महंगा हो चुका है।
OPEC के फैसले के बाद न्यूयॉर्क में क्रूड का भाव 0.9% तक गिरकर 114.26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने से ईंधन की ऊंची कीमतों में जरूर राहत मिलेगी। साथ ही महंगाई के भी नीचे आने की उम्मीद है।