सोशल मीडिया पर आई ‘स्वयंभू’ छुटभैया नेताओं की बाढ़
सोशल मीडिया पर खुद को प्रत्याशी घोषित करने वाले नामों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा : पार्टी सूत्र
जालंधर, 14 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : आम आदमी पार्टी की करनी और कथनी में बहुत अंतर है जैसा कि आपने देखा होगा। विधानसभा चुनावों से पहले जिन लोगों ने पार्टी के लिए दिन-रात एक किया समय और पैसे तक का भी ध्यान नहीं किया अपना समय परिवारिक सदस्यों की जगह जनता को दिया चुनावों से पहले नए चेहरे को पार्टी में ज्वाइन करवाया गया और उन्हें टिकट दी गई। जिससे सालों से मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश पाया गया और उन्होंने आम आदमी पार्टी को छोड़ा ऐसा ही मंजर अब निकाय चुनावों में दिख रहा है। नेतागिरी रोग ऐसा, जिसको लगे जीवनभर दूर होना मुश्किल है। इसी साल होने जा रहे नगर निकाय चुनावों को लेकर हर कोई अपनी प्रतिभा बड़े नेताओं के सामने दिखाना चाहता है। मुहल्ले के नेता जिनकी नजर पार्षदी की कुर्सी पर है, सभी विधायकों से टिकट के आश्वासन पर ही प्रचार में लगे थे। चुनाव तो खत्म हो गया और अब सबकी निगाहें नगर निकाय चुनावों पर टिक गई हैं। यही वजह है कि नगर निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वे लोगों के घरों पर दस्तक देने लगे हैं। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है। पार्षदी के टिकट के दावेदार भावी विधायकों से हामी भराने में लगे हैं।
शहर में कई कार्यकर्ता तो ‘स्वयंभू’ प्रत्याशी बन गए हैं। शहर के ज्यादातर वार्डों में कई कार्यकर्ताओं ने अपने आपको सोशल मीडिया पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कोई बीस साल से जनता के सेवक के रूप में काम करने की बात कहकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहा है तो कोई बेटा बनकर वोट देने की अपील कर रहा है। पार्टी के नेताओं के फोटो भी अपनी पोस्ट के साथ अपलोड कर रहे हैं।पार्टी सूत्रों की मानें तो निष्ठावान और जिताऊ कार्यकर्ताओं को ही मौका दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर खुद को प्रत्याशी घोषित करने वाले नामों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। जो आवेदन करेगा, उसमें से योग्य कार्यकर्ताओं को चर्चा कर पैनल तैयार किया जाएगा