अमृतसर, 25 फरवरी (ब्यूरो) : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बावजूद 23 जनवरी 2018 को अमृतसर नगर निगम के मेयर बनाए गए करमजीत सिंह रिंटू के खिलाफ अब कांग्रेस पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। इन पार्षदों ने निगम कमिश्नर को 53 पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपकर बैठक बुलाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मेयर रिंटू विधानसभा चुनाव के दौरान 16 फरवरी को उस समय आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए थे जब कांग्रेस को इस चुनाव में उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। आपको बता दें कि रिंटू किसी समय पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी रहे हैैं और 2018 में सिद्धू के विरोध के बावजूद कैप्टन ने उन्हें मेयर लगा दिया था।
सिद्धू के करीबी 15 पार्षदों ने मेयर के ताजपोशी समारोह का बायकाट
यही नहीं इस फैसले के विरोध में सिद्धू के करीबी 15 पार्षदों ने मेयर के ताजपोशी समारोह का बायकाट किया था। अब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद कांग्रेस पार्षद मेयर रिंटू के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अश्वनी पप्पू के नेतृत्व में निगम कमिश्नर संदीप रिशी से मिलने पहुंचे पार्षदों ने उन्हें पत्र सौंपकर कहा है कि जल्द ही विशेष बैठक बुलाई जाए।
नगर निगम हाउस में कुल 85 पार्षद हैं और इनमें से 64 कांग्रेस से थे। परंतु इनमें से विधानसभा चुनाव में 10 पार्षद कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इसके बावजूद कांग्रेस बहुमत में है। 54 में से 53 कांग्रेस पार्षदों ने मेयर के खिलाफ बैठक बुलाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
क्या कहता है म्युनिंसिपल एक्ट
म्युनिंसिपल एक्ट के सेक्शन 55 के अनुसार अगर 25 प्रतिशत पार्षद लिखकर देते हैैं तो कमिश्नर को बैठक बुलानी पड़ेगी। यदि 30 दिन में बैठक नहीं बुलाई जाती है तो फिर सेक्शन 39 के अनुसार हाउस सदस्य तीन दिन का नोटिस देकर खुद बैठक बुला सकते हैं।