चंडीगढ़, 25 फरवरी (ब्यूरो) : पंजाब के अलग-अलग हिस्सों के करीब 61 छात्र युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे हुए हैं। फंसे हुए छात्र और माता-पिता वापस वतन लौटने के लिए भारतीय अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उन्होंने छात्रों की मदद के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। केंद्र ने भारतीय छात्रों की सहायता के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन भी शुरू की है। ओजला ने कहा कि हमने अब तक पंजाब से संबंधित 61 छात्रों की पहचान की है। इनमें से 25 अमृतसर के हैं। हम दूसरों का भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
तत्काल सुरक्षा उपाय के रूप में कई छात्रों को मेट्रो स्टेशन पर ट्रांसफर कर दिया गया है। राज्य से संबंधित अधिकांश छात्र यूक्रेन में खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी और लविवि नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। जिसने कहा कि लगभग 250 भारतीय छात्रों को सुरक्षा के लिए मेट्रो स्टेशन पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक भारत से यूक्रेन जाने वालों में सर्वाधिक संख्या छात्रों की है। इनमें ज्यादातर डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं। ऐसे लोगों की तादाद तकरीबन 18 से 20 हजार बताई जा रही है. मेडिकल की पढ़ाई यूक्रेन में भारत के मुकाबले आधे से भी कम खर्च पर हो जाती है। इस वजह से छात्र वहां जाकर पढ़ने के विकल्प को चुनते हैं। दोनों देशों के बीच स्थितियां बिगड़ी तो वहां रह रहे भारतीय भी अछूते नहीं रहेंगे। भारत में रहे रहे उनके परिवार वाले भी इसलिए चिंतित हैं। यही वजह है कि भारत सरकार भी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।