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मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में करवाया श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ

ज़रा सी असावधानी विनाश लाती है : नवजीत भारद्वाज

मां बगलामुखी जी का आलौकिक सम्पूर्ण फलदाई हवन यज्ञ 27 फरवरी दिन रविवार को

 

जालंधर, 24 फरवरी (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान विक्रांत भसीन से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं । इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इंद्रियों को विषयों के दल-दल में हम फंस कर सुख की कामना करते हुए एक के बाद दूसरा पाप करते हुए जिये जा रहे हैं। इसका परिणाम केवल दुख और कष्ट है। पाप को कभी छोटा न समझा, क्योंकि विष किसी के भी प्राण ले सकता है।

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि जिस प्रकार एक छोटा बीज विशालकाय वृक्ष देने में सक्षम होता है, उसी प्रकार एक छोटा पाप हमारा अनर्थ करने में पूर्णता सक्षम होता है उन्होने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि मन में यह कभी विचार न लाना कि काम, क्रोध और लोभ का क्षणिक आवेश हमारा क्या बिगाड़ सकता है। इनसे सदा सावधान रहो, क्योंकि जरा सी असावधानी विनाश लाती है। 84 लाख योनियों के उपरांत जो मनुष्य शरीर हमें मिला है, इसे आखिर जन्म समाक्षण चाहिए। इस जन्म में यदि मनुष्य कल्याण नहीं हुआ, तो किसी जन्म में नहीं हो सकता। यह हमारे पर प्रभु की अपार कृपा है कि उन्होंने हमें मनुष्य जन्म दिया। अगर भगवान चाहते तो हमें किसी और योनि में भी जन्म दे सकते थे। इसलिए आप अपना कल्याण उसका (प्रभुका) स्मरण करते हुए कर सकते हैं, फिर चाहे आप गृहस्थी, ब्रह्मचारी, वाणप्रस्थी या सन्यासी हो। चाहे ब्राह्मण्र, क्षत्रिय, वैश्य या किसी जाति के हों, सभी उसके स्मरण के द्वारा कल्याण कर सकते हैं। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।

इस अवसर पर राजेंद्र कत्याल, रोहित बहल,एडवोकेट राज कुमार,मुकेश चौधरी,दिशांत, राकेश महाजन, जसविंदर सिंह,बावा जोशी, सुरेंद्र सिंह, संजीव शर्मा, शेखर सेठ, मधुकर कत्याल,मानव शर्मा, अभिलक्षय चुघ, अशोक शर्मा, सुरेंद्र, सौरभ मल्होत्रा, राजेश मैहता, दीलीप कुमार, मोहित बहल, नीटू,साहिल, मनोज चढ्ढा, विनोद खन्ना, सुमित,दिशांत, संजीव, गितेश, यज्ञदत्त, अश्वनी शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, विनोद खन्ना, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, दिनेश चौधरी, रवि कुमार,पंकज, मानव शर्मा, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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