जालंधर, (धर्मेंद्र सौंधी) : जालंधर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से एक सीट जालंधर कैंट की सीट भी बाकी सीटों की तरह चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट के चर्चा में बन रहने के कई कारण हैं। एक कारण है यहां दलबदलुओं की फौज का मैदान में उतरना दूसरा आप की हवा और तीसरा परगट सिंह का विरोध। इन तीनों वजहों में एक वजह जो जगबीर बराड़ और सरबजीत मक्कड़ में समान है वे वजह है दलबदलू होना। दोनों दलबदलू हैं। जगबीर बराड़ इस वक्त अकाली दल की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं और वे टॉप 1 दलबदलू पोजीशन पर हैं।
बराड़ साल 2007 में अकाली दल की टिकट पर ही जालंधर कैंट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उसके बाद पंजाब पीपल्स पार्टी और कांग्रेस में शामिल हो गए। 10 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद वह सुखबीर बादल के निर्देशों पर अकाली दल में शामिल हो गए। बराड़ की चुनावी टिकट इतनी प्यारी है कि 2017 में इन्हें टिकट नहीं मिली तो ये पार्टी से नराज हो गए और कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया। फिर परगट से इनकी बिगड़ गई। अब तकड़ी पर सवार हैं। हालांकि वर्ष 2012 में वह कांग्रेस टिकट पर जालंधर कैंट से परगट सिंह के हाथों हार भी चुके हैं।
कैंट हलके में वोटरों का अंदरखाते यह कहना है कि जो प्रत्याशी एक पार्टी का वफादार नहीं हुआ वे हमारे बारे में क्यो सोचेगा क्योंकि बराड़ साहब तो सिर्फ अपना और अपनी टिकट का ही सोचते हैं। थाना नंबर 6 के पास बराड़ की महलनुमा कोठी के बाहर जितनी गाड़ियां लगी हैं उतनी गाड़ियां शाम को मॉडल टाऊन मार्केट में गेड़ी करने वालों की नहीं घूमतीं। बराड़ की कोठी के बाहर लगी गाड़ियां उस गली में ट्रैफिक अव्यवस्था की वजह बन रही हैं हालांकि नेता जी के सामने कोई इलाकावासी बोलने को तैयार नहीं लेकिन हमेशा हादसे का डर बना रहता है
जबकि नियम ये होना चाहिए वर्करों व समर्थकों की गाड़ियां रिहायशी एरिया के बाहर बने दफ्तर में जाएं ताकि माडल टाऊन के लोगों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। अब बात करें मक्कड़ की अंदरखाते मक्कड़ के समर्थक हार मान चुके हैं और भरे मन से प्रचार कर रहे हैं। हाल ही में मक्कड़ की एक वीडियो भी वायरल हुई है जिसमें वे माही गिल के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं और अपने गले में खुद ही हार डाल रहे हैं क्योंकि उनका स्वागत तो कोई कर नहीं रहा। इस वीडियो में मक्कड़ जीप पर सवार दिख रहे हैं और किसी ने हार नहीं डाला तो मक्कड़ ने खुद ही हार डाल लिया। दलबदलुओं की सूची में मक्कड़ दूसरी पोजीशन पर हैं वे हाल ही में शिअद से नाराज होकर भाजपा में आए हैं।