ताज़ा खबरपंजाबराजनीति

कहीं Overconfidence के चक्कर में खुद ही हिट विकेट न हो जाएं केडी भंडारी

जालंधर (धर्मेन्द्र सौंधी) : मैं चाहे ये करूं मैं चाहे वो करूं मेरी मर्जी…क्योंकि मेरी जीत की आस है फर्जी। जी हां, ये हम नहीं कह रहे ये नॉर्थ हलके से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार केडी भंडारी को चुनाव शतरंज में मात देने को तैयार उनके अपने मोहरे अंदरखाते कह रहे हैं। जब से भंडारी को टिकट मिली है भंडारी व उनके समर्थक जीत को लेकर आश्वस्त हैं, होना भी चाहिए लेकिन ज्यादा ओवरकांफिडेंस बल्लेबाज को हिट विकेट करवा बैठता है। अब आप पूछेंगे वो कैसे तो पढि़ए….नार्थ से भंडारी के साथ-साथ टिकट के लिए राकेश राठौर ने बहुत जोर लगाया। राठौर को हिमाचल खेमे से टिकट की आस थी लेकिन भंडारी ने आस तोड़ दी। अब सियासत का एक नियम है कि अगर आपका काम नहीं बनता तो जिसका बना है उसका ऐसे बिगाड़ो कि उसे पता भी हो लेकिन शोर भी न मचे। तो फिर भंडारी को चुनावी रेस में हराने के लिए अपनों का एक खेमा वो काम कर रहा है जोकि टिकट के दावेदारों की फौज में शामिल था।

भंडारी ने खुली बगावत से बचने के लिए दीन दयाल उपाध्याय नगर दफ्तर तक खोल लिया लेकिन बगावत की चिंगारी शांत नहीं हुई। स्पोट्र्स सैल के रॉकी की तरह कई और भाजपा को बॉय बॉय बोलेंगे बस इंतजार है भंडारी को आखिरी गेंदों में हिटविकेट करने का। सूत्रों के मुताबिक भंडारी को हराने में जुटे खेमों की रणनीति है कि रैली में साथ चलो लेकिन शाम को भंडारी के खिलाफ रणनीति बनाओ। दरअसल लोगों को बावा हैनरी का संयम और बात करने का स्टाइल भा रहा है और लोगों ने साफ तौर पर कहना शुरू कर दिया है कि भंडारी गुंडागर्दी के जिन आरोपों की बात करते हैं वे निराधार हैं क्योंकि इससे डबल गुंडागर्दी तो नॉर्थ हलके के भंडारी के कार्यकाल में झेली है। इससे भी अहम पिछले चुनावों में जिन लोगो ने भंडारी की मदद की थी इस बार वैसा नही है। इसके विपरित बावा हैनरी की बॉडी लैंगुएज, वोटरों से बात करने का ढंग, हर किसी को मान सम्मान देने की तरीका भंडारी के गुस्से वाले बयानों से सौ गुणा ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं इसलिए भंडारी को या तो अपनी शैली बदलनी पड़ेगी नहीं तो सीट कोई और ले जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button