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गुरु से जग रुठे तो ठीक है, गुरु रुठे तो नहीं डोर : नवजीत भारद्वाज

🔥मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में करवाया श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ

जालंधर, 10-02-22 (कबीर सौंधी) :- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. पिंटू शर्मा एवं अविनाश गौतम ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित मंत्र माला जाप कर आज के मुख्य यजमान अमरेंद्र कुमार शर्मा से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।

इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतिया डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु से जग रुठे तो ठीक है, गुरु रुठे तो नहीं डोर, किसी भक्त के मुख से गुरु का नाम निकले तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर गुरु के मुख से किसी भक्त का नाम निकले तो भक्त के लिए इससे बडी कोई उपलिब्ध नहीं उन्होंने कहा कि अरे भोले प्राणी जरा विचार कर कि तेरे जीवन के ये सुनहरे दिन ज्ञान का सम्यक उदय नहीं होता है और वृद्धावस्था आ जाने पर फिर धर्माराधण की शक्ति नहीं रहती इससे स्पष्ट है कि शैशव और वृद्धत्व के बीच का समय ही त्याग, तपस्या एवं धर्माराधण की अन्य क्रियाओं के लिए उपयुक्त होता है। इस काल में ही व्यक्ति इच्छानुसार शुभ कर्मों का संचय कर सकता है।

इनके चले जाने पर पहले तो वृद्धावस्था आएगी या नहीं इसका क्या पता है और अगर आ भी गई तो उस स्थिति में क्या धर्म क्रियाएं या साधना करना संभव होगा बुद्धि और विवेक से हीन मनुष्य अपने शरीर के प्रति रहे हुए मोह को कभी भी नहीं छोड़ता। संसार के अंसख्य जीवों को सदा मौत के मुंह में जाते देखकर भी वह अपने शरीर को इस प्रकार रखता है, जैसे यह सदा ही स्थिर रहने वाला है। बालक जिस समय जन्म लेता है, उसी क्षण से उसकी आयु घटती जाती है और युवावस्था के पश्चात तो शरीर क्षीण होता ही चला जाता है, कितु इस बीच में भी काल तो सदा ही मस्तक पर मंडराता रहता है। बचपन, जवानी या बुढ़ापे में जब भी दाव लगता है, झपट्टा मारकर जीव को ले जाता है।


मंदिर परिसर में कोविड 19 की डायरैकशन अनुसार सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन, मास्क इत्यादि का विशेष ध्यान रखा गया।इस अवसर पर राकेश प्रभाकर, विजय गुप्ता,गुरबाज सिंह, बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार, राकेश, मुकेश चौधरी,दिशांत, राकेश महाजन, मुकेश चौधरी,जसविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, राजेन्द्र कत्याल, संजीव शर्मा, शेखर सेठ, मधुकर कत्याल,मानव शर्मा, अभिलक्षय चुघ, अशोक शर्मा, सुरेंद्र, सौरभ मल्होत्रा, राजेश मैहता, दीलीप कुमार, नीटू,साहिल, मनोज चढ्ढा, दिशांत, संजीव, गितेश, यज्ञदत्त, अश्वनी शर्मा, बावा खन्ना, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, विनोद खन्ना, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, दिनेश चौधरी, रवि कुमार,पंकज, मानव शर्मा, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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