चंडीगढ़, 02 फरवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सितंबर 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद कांग्रेस ने वोटिंग करवाई थी। जिसमें 79 विधायकों में से 42 उनके हक में थे। चरणजीत चन्नी का सिर्फ 2 विधायकों ने समर्थन किया था। इसके बावजूद वह सीएम बन गए।
इस बयान ने कांग्रेस में मचा दी है खलबली
सुनील जाखड़ ने पहली बार यह बात कांग्रेस कैंडिडेट के प्रचार के दौरान कही। जाखड़ ने कहा कि उनके बाद वोटिंग में 16 विधायकों ने सुखजिंदर रंधावा, 12 विधायकों ने कैप्टन की पत्नी महारानी परनीत कौर का नाम लिया था। नवजोत सिद्धू के हक में सिर्फ 6 विधायकों ने वोट दिया था। पंजाब में कांग्रेस का सीएम फेस घोषित करने से पहले जाखड़ के इस बयान ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है।
जाखड़ बोले मुझे डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया
जाखड़ ने कहा कि सीएम न बन पाने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद भी ऑफर किया था। हालांकि जाखड़ ने कांग्रेस विधायकों और हाईकमान का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि जाखड़ का नाम तब आया, जब वह विधायक भी नहीं थे।
सिख स्टेट-सिख सीएम की वजह से रह गए थे जाखड़
कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद सुनील जाखड़ का सीएम बनना तय था। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें बैंगलोर से वापस बुलाया था। हालांकि अंतिम वक्त में कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कह दिया कि पंजाब सिख स्टेट है और यहां सीएम सिख चेहरा होना चाहिए। सुनील जाखड़ हिंदू हैं, इसलिए कांग्रेस ने अंतिम वक्त में फैसला बदल दिया।
रंधावा भी भर चुके हामी
इससे पहले डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा भी हामी भर चुके हैं कि एक बार कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें सीएम बनाने के लिए हां कर दी थी। हालांकि फिर चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। तब चर्चा यह थी कि रंधावा का नाम सामने आने के बाद किसी जट्टसिख को सीएम बनाने का पता चलते ही नवजोत सिद्धू ने भी दावा ठोक दिया था। वहीं यह पहली बार है कि जब यह खुलासा हुआ कि महारानी परनीत कौर का नाम भी सीएम बनने की दौड़ में था।
कांग्रेस को खल रही हिंदू चेहरे की कमी
पंजाब में कांग्रेस को बड़े हिंदू चेहरे की कमी खल रही है। पंजाब में उनके पास सुनील जाखड़ ही सबसे बड़े हिंदू चेहरे हैं, लेकिन कांग्रेस सीएम और पार्टी प्रधान के तौर पर सिख चेहरे लगा दिए। चरणजीत चन्नी को सीएम बना कांग्रेस ने 32% दलित वोट बैंक साधने की कोशिश की लेकिन करीब 38% हिंदू वोट बैंक को लेकर चिंता बनी हुई है। यही वजह है कि सिद्धू पिता के सिख और मां के हिंदू होने की बात को बार-बार दोहराते हैं।