चंडीगढ़, 25 दिसंबर (ब्यूरो) : पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपध्याय ने कहा है कि लुधियाना कोर्ट कॉप्लेक्स में हुए बम धमाके के पीछे ड्रग माफिया, गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि धमाके में मारा गया गगनदीप ही कोर्ट में बम प्लांट करने के लिए गया था। उसके जेल में रहने के दौरान ड्रग्स माफिया से संबंध रहे। जिसके बाद वह विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध बने।
इसी बीच पंजाब पुलिस की फॉरेंसिक जांच से भी बड़ी खबर सामने आ रही है कि लुधियाना धमाके में RDX का इस्तेमाल किया गया। हालांकि धमाके से पानी की पाइप फट गई। जिससे भारी मात्रा में विस्फोटक बह गया। वहीं, टिफिन बम की भी आशंका बनी हुई है। डीजीपी का कहना है कि इसकी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। उसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
बम कहीं और प्लांट करना था
डीजीपी ने कहा कि गगनदीप ने बम कहीं और प्लांट करना था। इसके लिए वह बाथरूम में तार जोड़ने के लिए गया था। उस वक्त वह बाथरूम में अकेला था। बम को असेंबल करते वक्त वह फट गया। मृतक के शरीर की पोजिशन को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शुरूआत में गगनदीप अकेला इस साजिश का हिस्सा लग रहा था लेकिन इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस को लुधियाना में CCTV में कुछ संदिग्ध नजर आए हैं। जिनकी जांच की जा रही है। हालांकि मकसद के मामले में डीजीपी ने कहा कि उसके केस की सुनवाई थी। बाकी अभी जांच की जा रही है।
गगनदीप के दो साथी गिरफ्तार
DGP चट्टोपाध्याय ने कहा कि यह काफी पावरफुल ब्लास्ट था। फिर भी इसे 24 घंटे में सुलझा लिया गया है। मौके से पुलिस को कपड़े, सिम कार्ड, मोबाइल और टैटू मिला। जिसके बाद हमें लगा कि मरने वाला ही वहां बम लेकर गया था। जांच आगे करने के बाद यह कन्फर्म हो गया कि वहां मरने वाले ने ही ब्लास्ट किया था। जिसकी पहचान पंजाब पुलिस के डिसमिस कांस्टेबल गगनदीप सिंह के तौर पर हुई।
डीजीपी ने बताया कि गगनदीप के खिलाफ 2019 में एनडीपीएस एक्ट का केस दर्ज हुआ था। उससे एसटीएफ ने 11अगस्त 2019 को 385 ग्राम हेरोइन बरामद की गई थी। उस वक्त वह खन्ना के थाना सदर में मुंशी था। इसके बाद उसके साथियों अमनदीप और विकास को भी 400 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। 2 साल जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आया था। यहां उसका ट्रायल भी चल रहा था।