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इस साल का आखिरी व सबसे लंबा चंद्रग्रहण : ॐ वरुण अंतःकर्ण

जालंधर (कबीर सौंधी) : 19 नवंबर को आज ‘लगभग पूर्ण’ चंद्र ग्रहण लगेगा, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाएगा। यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। आज करीब 600 साल बाद सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को सुबह भारतीय मानक समय के लगभग 11:32 बजे शुरू होगा और शाम 5:34 तक रहेगा।

यह एक सहस्राब्दी में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण है, जो 6 घंटे तक रहेगा, आज के ग्रहण का पुराण काल भी सबसे अधिक रहेगा जो 3 घंटे – 28 मिनट और 23 सेकंड का है। आखिरी चंद्र ग्रहण जो लंबा था, 18 फरवरी, 1440 को लगभग 3 घंटे, 28 मिनट, 46 सेकंड में हुआ था। आज होने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण के बारे में जानने के लिए यहां सब कुछ है।

 

ॐ वरुण अंतःकर्ण

अधिकांश भारत को चंद्र ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में रहने वालों को इसे देखने का मौका मिलेगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के एक छोटे से हिस्से में ग्रहण देखने को मिलेगा, और उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग भी ग्रहण के अंतिम भाग को देख सकते हैं।

भारतीय केवल 8 नवंबर, 2022 को पूर्ण चंद्र ग्रहण का अनुभव कर सकेंगे।

यह क्या है? नासा इसे ‘लगभग पूर्ण चंद्र ग्रहण’ कह रहा है क्योंकि चंद्रमा की लगभग 99.1 प्रतिशत डिस्क पृथ्वी के गर्भ या पृथ्वी की छाया के सबसे गहरे हिस्से के भीतर होगी। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक रेखा में आ जाते हैं, लेकिन इस बार यह एक पूर्ण संरेखण नहीं है।

जैसे पूर्ण चंद्र ग्रहण में, जहां पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया से ढका होता है और एक चमकदार लाल रंग लेता है, वही इस बार भी होगा। तो हां जिन देशों में ग्रहण दिखाई देगा वहां चंद्रमा लाल हो जाएगा। नासा के अनुसार, ग्रहण का चरम दोपहर 2.15 बजे होता है जब चंद्रमा का 95% से अधिक भाग ग्रहण में होगा। तभी यह लाल दिखाई देगा। अंतरिक्ष एजेंसी का यह भी कहना है कि अगर कोई लाल को उसकी सारी महिमा में देखना चाहता है तो दूरबीन या दूरबीन से देखना आसान हो सकता है।

परंतु ग्रहण को देखना आपकी ऊर्जा के लिए हानिकारक हो सकता है। आज सुबह से ही इसका प्रभाव जन जीवन पर दिख रहा है। ऊर्जा की कमी और शारीरिक थकान का अनुभव सब कर रहे हैं। 

•क्या करना चाहिए

आज जितना समय हो सके ध्यान योग मैं समय बिताए। 

श्री गुरुवर महादे जी और श्री गुरुवर बजरंगबली हनुमानजी के नाम का जाप करें।

ॐ नमः शिवाय अथवा राम राम श्री राम जाप 1008 बार करें। श्री हनुमान चालीसा का पाठ 11 बार या 21 बार करें। अपने इष्ट देव को याद करें। ध्यान योग में समय बताएं। ध्यान योग हर पूर्णिमा और अमावस्या को पीठ सीधी रखते हुए करना चाहिए, जिससे मानव शरीर की ऊर्जा में वृद्धि होती है। कोशिश करें की ध्यान किसी गुरु की मार्गदर्शकता और निगरानी में किया जाए।

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