जालंधर, 24 अक्तूबर (धर्मेंद्र सौंधी) : पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के रंग में रंगे जालंधर में वेस्ट विधानसभा हलके की सीट ऐसी सीट है जिस पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है। यहां से विधायक सुशील कुमार रिंकू कांग्रेस का परचम लहराए हुए हैं। हालांकि 2017 की स्थितियों से अक्तूबर 2021 से तुलना की जाए तो उस परचम का डगमगाना तय माना जा रहा है। इसकी एक वजह जालंधर वेस्ट में जुआ, सट्टा, अवैध लाटरी, अवैध शराब जैसे आपराधिक कार्यों का बिना रोकटोक चलना है। बेशक रिंकू के मुकाबले का कोई भी शख्स शिअद, बसपा, भाजपा और आम आदमी पार्टी के पास नहीं है लेकिन अगर मोहिंदर भगत जैसा शख्स आप में जाता है तो एंटी इंकबेसी फैक्टर रिंकू की लुटिया डुबोने के लिए काफी होगा। मोहिंदर भगत एक साफ सुथरा चेहरा हैं लेकिन भाजपा में रहते उनकी टिकट कटना इस बार तय है। मोहिंदर भगत भी विधायक बनना चाहते हैं अब भाजपा टिकट नहीं देगी तो कैसे विधायक बनेंगे। इसलिए वह कहीं ओर से टिकट ट्राई करने के चक्कर में हैं।
दरअसल वेस्ट में भाजपा खुद को कभी सेट नहीं कर पाई। कीमती भगत शिअद का अच्छा चेहरा हो सकते थे लेकिन सुखबीर बादल ने बसपा को टिकट देकर कीमती भगत के कीमती अरमानों पर पानी फेर दिया चलिए जो भी हो चलिए जो भी अरमान हैं फिर कभी पूरे हो जाएंगे। इस बार अगर रिंकू हारते हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह होगा पैसे पर जोर, अपनों से दूरी। सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेसी वर्कर रिंकू से इसलिए नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अब कालोनाइजर की अधिक सुनी जाती है और कांग्रेसियों की कम। बहरहाल यह सब फिलहाल की बातें है और राजनीति में रुचि रखने वाले पाठक जानतें ही है कि राजनिति में आए दिन रूझान बदलते रहते है। इसका कयास लगाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असम्भव है l खैर बने रहे हमारे साथ, फिर आएंगे आप लोगों के पास नए रुझान के साथ !