चंडीगढ़ 15 अक्तूबर (ब्यूरो) : जिस बेरहमी से सिंघू बार्डर पर एक दलित का हाथ काटकर, टांग तोडक़र कत्ल किया गया, यह एक तालिबानी कार्रवाई है, यह कहना है राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन श्री विजय सांपला ने कहा कि सिंघू बार्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के वॉयरल वीडियो देखने के बाद लगता है सिंघू बार्डर पर बैठे आंदोलनकारियों / किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं को कानून का कोई डर नहीं है। गलती कितनी भी बड़ी हो, पर किसी को आरोपी को जान से मारने का हक नहीं। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है सिंघू बार्डर के मंच के पास के इस पंजाब के दलित को मारने के बाद उलटा लटकाया हुआ है। यह कोई साधारण मंच नहीं बल्कि इस आंदोलन का मुख्य मंच है, जहां पर 24 घंटे किसान संगठनों के प्रमुख नेता / कार्यकर्ता सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। हैरानी की बात कि उसी मंच के पास उसको मारा गया, मारकर लाया गया और फिर रस्सी से बांधकर उलटा लटकाया गया और किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं को इसका पता नहीं चला।छोटी-छोटी बातों पर तुरंत प्रैस ब्यान / टीवी पर बोलने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को इस दलित की हत्या पर टिप्पणी करने के लिए कई घंटों बाद शाम को तीन बजे पत्रकारवार्ता करने का समय लगा।
सांपला ने आगे कहा कि प्रैस कान्फ्रेंस में किसान नेताओं ने माना कि तरनतारन का रहने वाला मृतक दलित लखवीर उनके साथ रहता था। अगर इतनी जानकारी है तो उसकी बेरहमी से मारे जाने की घटना की बाकी जानकारी क्यों नहीं है। शयद तरनतारन का रहने वाला मृतक लखवीर दलित भाईचारे से संबंधित था, इस कारण संयुक्त किसान मोर्चा शम्मिलत बाकी पंजाब किसान संगठनों का इसका दर्द नहीं है। सांपला ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन के नाते इस घटना का संज्ञान लेते हुए हरियाणा पुलिस के डीजीपी से तुरंत बात कर दोषियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया।