जालंधर, 02 अक्तूबर (कबीर सौंधी) : भाजपा महिला मोर्चा द्वारा सत्य व अहिंसा के प्रेरक महात्मा गांधी एवं सादगी व साहस के प्रतीक पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उन्हे माल्यार्पण किया गया। भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्षा मीनू शर्मा की टीम के साथ पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंदर भगत ने भी देश के महानुभावों को माल्यार्पण कर नमन किया। पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि 2 अक्तूबर को सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान ही नही बल्कि दुनिया के कई देश गांधी जयंती मना रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, जिन्हें लोग बापू के नाम से भी पुकारते थे। बापू ने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ादी दिलाई। उन्होंने लोगों को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाते हुए अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाई। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया। यही वजह है कि पूरा विश्व 2 अक्तूबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचारों ने ना सिर्फ भारत के लोगों का मार्ग दर्शन किया बल्कि विश्व का मार्गदर्शन किया। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तरप्रदेश में ‘मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव’ के यहां हुआ था। उनकी माता का नाम ‘रामदुलारी’ था।काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलते ही शास्त्री जी ने अपने नाम के साथ जन्म से चला आ रहा जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया।
प्रदेश प्रवक्ता महेंदर भगत ने कहा कि गांधी जी ऐसे देशभक्त नेता थे जिन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए पूरे देश का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया। उनके मानना था कि ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाने का एकमात्र हथियार अहिंसा और सच्चाई का रास्ता है। देश को आज़ाद कराने के लिए वो कई बार जेल भी गए फिर भी उन्होंने अपने अहिंसा आंदोलन को जारी रखा। वह हमेशा सामाजिक समानता में भरोसा रखते थे इसीलिये अस्पृश्यता के घोर खिलाफ थे। ‘शास्त्री’ शब्द ‘लालबहादुर’ के नाम का पर्याय ही बन गया। बाद के दिनों में ‘मरो नहीं, मारो’ का नारा लालबहादुर शास्त्री ने दिया जिसने एक क्रांति को पूरे देश में प्रचंड किया। उनका दिया हुआ एक और नारा ‘जय जवान-जय किसान’ तो आज भी लोगों की जुबान पर है।
भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्षा मीनू शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी महज एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार हैं, एक सोच हैं। एक ऐसी सोच, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में आज भी प्रासंगिक बनी हुई है और करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है। अहिंसा महात्मा गांधी के दर्शन का मूल मंत्र रहा, जिसके बारे में उन्होंने कहा था, ‘अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है, जिसके आधार पर समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।’1964 में भारत के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री जी सच्चे गांधीवादी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और उसे गरीबों की सेवा में लगाया। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्षा मीनू शर्मा के साथ जिला प्रभारी प्रवीण शर्मा, पंजाब कार्यकारिणी सदस्य अणु शर्मा, जिला महामंत्री प्रवीण भारती, पल्लवी वर्मा,उषा शर्मा ,सपना शर्मा ,सुखबीर चट्ठा, लवप्रीत गोल्डी, गुरजीत राय ,अंजू डेविड ,रजनी गुप्ता,सविता मैणी, राजिंदर बादल,राज अरोड़ा, किरण बाला भगत,मीनू शर्मा कैंट, नरिंदर कौर मंडल प्रधान, जसविंदर सोनिया,मधुबाला, विजय, बृजबाला, इंदुबाला,राजदीप कौर ,नीतिका, सिमर ने भी शिरकत की।