पंजाब, 02 अक्तूबर (ब्यूरो) : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही नई राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं। इस पार्टी का नाम पंजाब विकास पार्टी होगा। पार्टी की घोषणा से पहले अमरिंदर ने अपने करीबी नेताओं से संपर्क साध लिया। इस पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू के विरोधियों को भी शामिल किया जाएगा।
अमरिंदर को कुछ दिन पहले सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद वह दिल्ली दौरे पर गए। यहां गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कह दिया कि वो कांग्रेस में नहीं रहेंगे। उन्होंने भाजपा में जाने से भी इनकार किया था।
अमरिंदर ने सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद नवजोत सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। कैप्टन ने कहा था कि वो सिद्धू को किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देंगे। सिद्धू के खिलाफ मजबूत कैंडिडेट खड़ा करेंगे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि कैप्टन जल्द कोई नई पार्टी बनाएंगे।
अभी करीबियों को मिलाएंगे, बाद में नाराज नेता भी होंगे शामिल
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल अमरिंदर अपने करीबी नेताओं से मिलकर यह पार्टी बना रहे हैं। इसमें मंत्रिमंडल से बाहर हुए करीबी मंत्रियों के साथ संगठन से किनारे किए नेता शामिल होंगे। इसके बाद इसमें सिद्धू से नाराज नेता मिलाए जाएंगे। अंत में चुनाव के नजदीक आने पर कैप्टन के करीबी कांग्रेसियों की टिकट कटनी तय है। तब बाकी दावेदारों को पार्टी में शामिल कर मजबूत किया जाएगा। कैप्टन पूरी तरह से कांग्रेस को ही झटका देने के मूड में हैं।
पंजाब सरकार पर भी मंडराएगा खतरा
कैप्टन के इस कदम से पंजाब की कांग्रेस सरकार को भी खतरा हो सकता है। कैप्टन के करीबी विधायक और पूर्व मंत्री कांग्रेस छोड़ सकते हैं। ऐसे में CM चरणजीत चन्नी की सरकार पर अल्पमत का खतरा मंडरा सकता है। खास बात यह है कि कैप्टन 2 दिन पहले ही गृह मंत्री और NSA को मिलकर आए हैं। वापस लौटने पर उन्होंने पंजाब के लिहाज से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर खतरा बताया था। मौजूदा CM चरणजीत सिंह चन्नी की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अनुभव पर वो पहले ही चिंता जता चुके हैं।
किसान आंदोलन खत्म कराने पर रहेगा फोकस
कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह पार्टी किसान आंदोलन खत्म करवाने पर फोकस रखेगी। माना जा रहा है कि इस संगठन के जरिए कैप्टन कृषि सुधार कानूनों का विरोध करेंगे। कैप्टन पहले भी CM रहते हुए किसानों को पूरा समर्थन देते रहे हैं। पंजाब की राजनीति में अगले चुनाव में किसानों का मुद्दा सबसे अहम है। ऐसे में कृषि कानूनों का मुद्दा हल करवाकर कैप्टन पंजाब की सियासत में नई पार्टी से भी अपना दबदबा बना सकते हैं। इसके लिए कैप्टन ने किसान नेताओं के साथ भी संपर्क किया है।