जालंधर, 24 दिसंबर (कबीर सौंधी) : पूज्य संत श्री आशारामजी बापू जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में 2014 से देश विदेश में 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जा रहा है। जो कि अब एक विश्वव्यापी अभियान बन चुका है। 25 दिसम्बर 2021 को देश भर में सवा लाख जगहों पर यह पूजन के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए यहां एक और पूज्य बापू जी के लाखों करोड़ों शिष्य जुटे हुए है वही कई धर्म रक्षक हिन्दू संगठन भी अपने स्तर पर तुलसी पूजन दिवस मना रहे है।
अपनी सनातन संस्कृति की रक्षा व प्रचार के लिए हिन्दुओ की तरफ से बड़े बड़े स्तर पर तुलसी पूजन दिवस के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
क्यों शुरू किया गया तुलसी पूजन दिवस
आजकल पाश्चात्य नववर्ष की आड़ में अंग्रेजी वर्ष के अंत में आपराधिक कुवृतियां में वृद्धि होने लगती हैं । शराब व अन्य मादक पेय पदार्थों की खपत बढ़ जाती हैं तथा पाश्चात्य अंधानुकरण से पोप म्यूजिक से नृत्य कर अपनी जीवनशक्ति का ह्रास कर बैठते हैं। लोग तुलसी की महिमा भूल कर प्लास्टिक के पेड़ों को घरों में सजाने लग गए है।
भारत के लोग अपनी संस्कृति के त्योहारों को भूल कर पाश्चात्य संस्कृति के त्यौहार मनाकर गुमराह हो रहे है।
इसलिए पूज्य बापूजी की प्रेरणा से अंग्रेजी वर्ष के अंत मे भारत विश्व गुरु अभियान सप्ताह चलाया जाता है।
लोग तुलसी की महिमा भूलते जा रहे है जिससे लोगो के स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है। तुलसी पूजन द्वारा आरोग्य बढ़ती है,
हमें चाहिए कि पूज्य बापूजी ने 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस’ मनाने की जो सुंदर सौगात समाज को दी है। उस अभियान को घर घर तक पहुंचाया जाए।
पद्म पुराण में बताया गया है कि “जितने भी फूल पत्ते प्रकृति में हैं उन सबके रस से जितना लाभ होता है तुलसी माता के आधे पत्ते से ही उससे अधिक लाभ होता है ।” तुलसी जी 24 घंटे ऑक्सीजन देती है ।
तुलसी जी की 9 परिक्रमा लगाने मात्र से हमारी औरा में बहुत सकारात्मकता आ जाती है व लक्ष्मी जी की प्राप्ति भी होती है । 10 मिनट भी तुलसीजी की औरा में रहने से मन शांत होता है और सकारात्मक विचार आने लगते हैं
यदि हमें अपने अस्तित्व को बचाना है तो हमें अपने संतों और सनातन संस्कृति को बचाना होगा।
जाने कैसे करें तुलसी माता का पूजन
पूजन से पहले खुद को तिलक कर लें।
सर्वप्रथम गणपति भगवान को प्रणाम कर पूजा की शुरुआत करें। फिर मां तुलसी जी को तिलक करें, और जल पुष्प व चावल चढ़ाए,
इस के बाद मां तुलसी जी की आरती ( Youtube पर उपलब्ध है) और 7 परिक्रमा करें व प्रार्थना अवश्य करें तो आप के कारोबार में उन्नति होगी व लक्ष्मी प्राप्ति होगी। और आप के घर मे कोई भी परेशानी है तो वह दूर होगी। सभी की आरोग्यता बढ़ेगी।
किसी के घर में कितनी भी गरीबी हो, बीमारी हो, कारोबार व दुकान न चल रही हो। वह सोमवती अमावस्या को तुलसी माता की 108 परिक्रमा कर ले तो देखना फिर कैसे कारोबार व दुकान चलेगी, अच्छी नोकरी मिल जाएगी।