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मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध विशाल हवन यज्ञ

जो निंदा करता है उसे अपने पास अवश्य रखो : नवजीत भारद्वाज

मां बगलामुखी धाम में गणेश उत्सव रविवार से शुरू होगा विसर्जन गुरुवार को किया जाएगा

 

 

जालंधर, 04 सितंबर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 1 वर्ष से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है।

सर्व प्रथम मुख्य यजमान से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों द्वारा आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई । इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि कहा कि सत्संग के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के चक्कर में फंस जाता है। इसलिए मनुष्य को समय निकालकर परमात्मा का श्रवण अवश्य ही करना चाहिए।

उन्होने कहा कि जो निंदा करता है उसे अपने पास अवश्य रखो, वह तो बिना साबुन पानी के ही हमारी कमियां बताकर हमारे स्वभाव की सफाई करता है। नवजीत भारद्वाज ने आगे फरमाया कि परमात्मा ने संसार को कर्म प्रधान बनाया है। संसार में जो जैसा करेगा, वैसा फल भोगेगा। ऐसा नहीं करते कि पुण्य करने वालों को नर्क और पापी को स्वर्ग मिल जाता है। कोई भी जन्म देख भोगना नहीं चाहता। लेकिन पाप-कर्म करोगे तो सुख की प्राप्ति नहीं मिलेगी।

सुकर्म करो, सुकर्म का फल सुखदायी होता है। सुकर्म के साथ-साथ सुमिरन करो। सुकर्म से जहां सुख मिलता है। वहीं सुमिरन से 84 लाख योनियों में जाना नहीं पड़ता है। जो परमात्मा की भिक्त करते हैं, ध्यान करते हैं उन्हें आवागमन के चक्र से मुक्ति मिल जाता है। यह संसार कर्म क्षेत्र है। इस कर्म क्षेत्र में जैसा बीज डालोगे, तुम्हें वैसा ही प्राप्त होगा। बुरे कर्म का बीज डालने से कभी भी फल अच्छा नहीं मिलेगा। इसलिए पाप मत करो, अधर्म मत करो। बोले कि अगर तुम इहलोक और परलोक दोनों में सुखी होना चाहते तो सत्कर्म करना सीखो। आलस्य में सुख न मानो, चुगली पर ध्यान न दो और बिना सोचे समङो कोई काम न करो। 

इस अवसर पर श्रीकंठ जज, बलजिंदर सिंह, विक्र म भसीन, नीरज पाठक, अमरजीत सिंह, मुनीश शर्मा, विक्र ांत शर्मा,संजीव शर्मा, गोपाल मालपानी, गुरबाज सिंह,संजीव सांविरया, रोहित बहल, अश्विनी शर्मा, गुलशन शर्मा, गौरव कोहली, डा. जसबीर अरोड़ा,अमरेंद्र कुमार शर्मा, अरु ण, सोनू मल्होत्रा, इंजीनियर किशोर शर्मा,मुकेश चौधरी, पूजा , राजवीर कौर, हितेश,पंकज, राजेश महाजन, बावा खन्ना, मोहित बहल, अशोक शर्मा, यज्ञदत्त,पंकज, राजेश महाजन, बावा खन्ना, मोहित बहल, संजय, बलदेव राज, रोहित भाटिया, राकेश प्रभाकर, गोपाल मालपानी, बावा जोशी, ओमकार सिंह, राकी, समीर चोपड़ा, अश्विनी शर्मा, विक्र म भसीन, विक्रांत शर्मा, संजीव शर्मा, मानव शर्मा, राजीव, सुरेंद्र सिंह, दिशांत शर्मा, ठाकुर बलदेव सिंह, बावा जोशी, राजेंद्र कत्याल, गौरव कोहली, गितेश, गुलशन शर्मा, पूनम प्रभाकर, एडवोकेट राज कुमार, सुरेंद्र शर्मा,अमित कुमार, सुदेश शर्मा, राहुल शर्मा, रमन शर्मा, प्रशांत, सुमित, रोहित मल्होत्ना, राजन पाटनी, नीरज, प्रशांत, अजय, मनी, विनोद खन्ना, रवि कुमार, सौरव, शाम लाल, मुकेश चौधरी, संजीव शर्मा, साहिब, राजीव, दीशांत शर्मा, संजीव शर्मा,राजन शर्मा, प्रिंस, सौरभ मल्होत्रा, राकेश, प्रवीण,अनीश शर्मा, अशोक शर्मा, दीपक ,रोहित मल्होत्ना, प्रिंस ,राकेश, प्रवीण, राजेंद्र सहगल, सुनील जग्गी,प्रिंस, सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी विशाल लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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