जालंधर, 12 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : जालंधर में मात्र एक पेटी शराब पकड़ या मामूली नशा पकड़ अपने उच्चाधिकारियों के आगे नंबर बनाने वाली थाना स्तर की पुलिस हर बार बढ़े मगरमच्छ पकड़ आख़िर शांत होकर क्यों बैठ जाती है। बीते दिन आईपीएल मैचों में सट्टा लगवाकर लोगों की ज़िंदगी बर्बाद करने वाले बुकीज पर जालंधर पुलिस मेहरबान क्यों हुई,बुकीज को उसके साथियों सहित पकड़ने के बाद मीडिया का फ़ोन तक उठाने बंद कर दिया जिसके बाद कोई प्रेस नोट तक रिलीज़ नहीं किया ना ही बुकियो की फ़ोटो रिलीज़ की। बुकीज शिव जौली ने जालंधर के कई युवाओं को सट्टे की लत में धकेल खुद आलीशान बंगले बना लिए।
कभी वोडाफ़ोन मोबाइल का स्टोर अपने भाई के साथ चलाने वाले बुकीज शिव जौली को पुलिस ने काफ़ी समय के बाद धरा तब तक जौली लोगों को खूब लूट चुका था। वहीं पुलिस ने अगर जौली को पकड़ा भी तो उसके साथ जालंधर में सट्टे का नेटवर्क चलाने वाले उसके दो बढ़े मगरमच्छ साथियों का नाम। पर्चे में डाला तक नहीं ना ही पुलिस जाँच में हुए खुलासे का मीडिया से कहीं ज़िक्र किया। यहाँ तक कि जिस पुलिस अधिकारी ने शिव जौली को पकड़ा मीडिया से दूरी बनाने के लिए उसने ना तो फ़ोन उठाया ओर जल्दबाज़ी में पर्चा दर्ज कर ज़मानत की क़वायदें भी शुरू कर दी। देखना ये है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर जालंधर पुलिस ने नव नियुक्त कमिश्नर क्या एक्शन लेते है? वहीं से भी साफ़ है कि सट्टेबाज़ को छुड़वाने के लिए शहर के एक बदनाम नेता ने ऐडी चोटी का ज़ोर लगा दिया पर उसकी सिर्फ़ इतनी चली कि पुलिस ने उसके कहने पर ज़मानतें जल्दी करवाई ओर बुकियो की फ़ोटो रिलीज़ नहीं होने दी।