मानसा, 16 जुलाई (सुरेश रहेजा) : शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज इस जिले के बुढ़लाडा हलके में चांदपुरा बांध के पास दरार को भरने के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों की मदद की पेशकश की , साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री भगवंत मान से किसानों को उनके भाग्य के सहारे छोड़ने के बजाय उनके साथ मिलकर काम करने तथा नागरिक प्रशासन को निर्देश देने का आग्रह किया है।
कुलरियां गांव में दरार वाली जगह पर गांव के ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ किसानों ने मुझे बताया कि जब हरियाणा सरकार ने अपने क्षेत्रों को राहत देने के लिए बांध तोड़ दिया और बाढ़ का पानी उनके गांवों में घुस गया, जिसके बाद मानसा प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नही निभाई है।’
सरदार बादल ने कहा कि ग्रामीणों ने मुझे यह भी बताया कि नागरिक प्रशासन ने उन्हे बाढत्र सुरक्षा कार्य में लगे 100 से अधिक ट्रैक्टरों के लिए न तो जेसीबी मशीन यां डीजल प्रदान किया गया है। हरियाणा के पड़ोसी गांव के किसानों ने मुझसे मुलाकात कर बताया कि कैसे हरियाणा सरकार ने अपने क्षेत्र में घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत करने के लिए पांच जेसीबी के साथ साथ अन्य उपकरण और बहुत लोगों को तैनात किया , लेकिन पंजाब सरकार ने कुछ भी नही किया’’।
प्रभावित किसानों से बात करते हुए सरदार बादल ने अकाली दल की ओर से जेसीबी मौके पर भेजने का आश्वासन दिया। उन्होने रेत की बोरियों के अलावा डीजल ड्रम भेजने की भी पेशकश की, जिन्हे तुरंत वितरित कर दिया गया, ताकि बांध को मजबूत करने का काम निर्बाध रूप से जारी रह सके’’। उन्होने मानसा के डिप्टी कमिशनर से भी बात की और उनसे घटनास्थल का दौरा करने के साथ साथ दरार रोकने में मदद करने के लिए उपकरण और सरकारी कर्मियों को तैनात करने का अनुरोध किया। उन्होने कहा, ‘‘ यह पहले भी किया जा सकता था, जब बठिंडा की सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने 13 जुलाई को इलाके का दौरा किया और इस मुददे को डिप्टी कमिशनर के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन कुछ भी नही किया गया’’।
यह कहते हुए कि जब राज्य बाढ़ की चपेट में है तो वह कोई राजनीति नही करना चाहते। उन्होने कहा, ‘‘ यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जिस भी संभव तरीके से राहत उपायों में योगदान करें’’। उन्होने शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रभावित लोगों को लंगर सेवा और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही है। उन्होने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि सरकार जिनके घर तबाह हो गए हैं उन लोगों को मुआवजे के रूप में ठोस मदद करेगी तथा साथ ही उन किसानों को 25 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से अंतरिम राहत प्रदान करेगी। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि यह राहत कार्य अब तक शुरू नही किया गया, जबकि सरकार को एक सप्ताह से अधिक समय पहले केंद्र सरकार से 218 करोड़ रूपये मिल चुके हैं।
सरदार बादल ने केंद्र से राज्य को पर्याप्त राहत प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होने कहा, ‘‘ राज्य के बुनियादी ढ़ांचे को हुए नुकसान के साथ साथ पंजाबियों की संपत्ति और फसलों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए केंद्र से राहत मांगने में संकोच नही करना चाहिए और मुख्यमंत्री को यह कहने के बजाय कि वह केंद्र के समक्ष कुछ नही मांगेंगें राज्य का मामला जोरदार तरीके से सामने रखना चाहिए।
सरदार बादल ने मुणक के गांवों के अलावा बाढ़ प्रभावित सरदूलगढ़ के रोड़की गांव का दौरा किया और किसानों को तत्काल सहायता प्रदान की। संगरूर जिले के बाढ़ प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया, जहां अकाली कार्यकर्ता ग्रामीणों के साथ मिलकर अपने लोगों को बचाने क ेलिए अस्थायी बांध बना रहे हैं। मानसा के मामले की तरह, इस जिले के लोगों ने मदद नही करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होने यहां जेसीबी मशीन और अन्य मदद की भी पेशकश की।
अकाली दल अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ नेता प्रेम अरोड़ा, डाॅ. निशान सिंह , गुरमेल सिंह फाफड़ा, गोबिंद सिंह लोंगोंवाल, इकबाल सिंह झूंदा, विनरजीत सिंह गोल्डी और गुलजारी मूनक भी मौजूद थे। सरदार बादल ने यूथ अकाली दल अध्यक्ष सरबजीत सिंह झिंझर और उनकी पूरी टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की , जो क्षेत्र के किसानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।