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साइबर अपराध का जाल! SBI लोगों को कर रहा आगाह, जारी की नई चेतावनी

नई दिल्ली, 24 मार्च (न्यूज़ 24 पंजाब) : प्रधानमंत्री जन-धन योजना आने के बाद भारत में फाइनेंशियल इन्क्लूजन में काफी तेजी आई. इसके कारण उन लोगों के भी बैंक अकाउंट खुले, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से कटे हुए थे. योजना लॉन्च होने के 4 साल बाद ही देश की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी की पहुंच बैंक खातों तक हो गई. दूसरी ओर नोटबंदी और कोरोना महामारी के चलते डिजिटलीकरण भी तेज हुआ। हालांकि इनके साथ ही बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में भी काफी तेजी आई. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने फ्रॉड के मामलों को देखते हुए सभी खाताधारकों को गुरुवार को आगाह किया।

एसबीआई ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत लोगों को वित्तीय मामलों में शिक्षित बनाने की मुहिम शुरू की है. इसी मुहिम के तहत एसबीआई ने गुरुवार को Tweet किया, ‘क्यूआर कोड स्कैन करें और पैसे पाएं? ये रॉन्ग नंबर है. क्यूआर कोड स्कैम (QR Code Scam) से सावधान रहें। स्कैन करने से पहले सोचें, अनजान और अनवेरीफाइड क्यूआर कोड स्कैन नहीं करें. सावधान रहें और एसबीआई के साथ सुरक्षित बनें रहें।’

एसबीआई ने इस Tweet के साथ एक छोटा इंफोग्राफिक्स वीडियो भी पोस्ट किया. वीडियो में क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करने की प्रक्रिया दिखाते हुए कहा गया है, ‘स्कैन और स्कैम? कभी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन न करें और न ही यूपीआई पिन एंटर करें. इससे एक दिन पहले भी एसबीआई ने ऐसा ही पोस्ट किया था, जो ग्राहकों को फ्रॉड के तरीकों के बारे में अवगत कराता है और बचने के उपाय भी बताता है. एसबीआई के दूसरे Tweet में कहा गया है, ‘आपकी सेफ्टी हमारी प्रॉयरिटी है. साइबर अपराधों को cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें. फोन, मैसेज या ईमेल के जरिए केवाईसी अपडेट के फ्रॉड ऑफर्स के प्रति सचेत रहें. मजबूत पासवर्ड रखें और इसे नियमित तौर पर बदलते रहें. कांटैक्ट डिटेल्स के लिए एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करें.’

इसी तरह सबसे बड़े बैंक ने ये भी बताया है कि फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को क्या-क्या नहीं करना चाहिए. बैंक ने बताया कि कभी भी पर्सनल या अकाउंट से जुड़ी कोई जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करें. ऐसा पासवर्ड न रखें, जिसका आसानी से अनुमान लगाना संभव हो. किसी ऐसी जगह पर एटीएम कार्ड नंबर, पिन, यूपीआई पिन, इंटरनेट बैंक आदि से जुड़ी जानकारी न लिखें, जिसे फ्रॉड करने वाले एक्सेस कर सकते हों. सोशल मीडिया पर पर्सनल जनकारियां शेयर न करें. संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें और ऐसे ऐप्स डाउनलोड करने से बचें।

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