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सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हुआ हंगामा, परिवार ने डाक्टर पर लगाए आरोप

जालंधर, 16 अगस्त (कबीर सौंधी) : बाबू जगजीवन राम चौक के निकट बने सरकारी अस्पताल में उस समय इंसानियत मरती हुई नजर आई जब एक बुजुर्ग की अस्पताल में इलाज करवाने के दौरान मौत हो गई। मौके पर देखने को मिला जब बुजुर्ग का शव खून से लहूलुहान पड़ा हुआ है और न तो किसी ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने और न ही वहां के स्टाफ मैंबर ने इंसानियत दिखाई। काफी समय तक शव ऐसे ही पड़ा रहा और एक व्यक्ति ने इंसानियत दिखाते हुए बुजुर्ग के शव के इधर उधर किया और परिवार को सूचना दी। जैसे ही मौके पर परिवार वाले पहुंचे उन्होंने सरकारी अस्पताल के डाक्टर के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरु कर दी कि अगर उसके पति को फर्स्ट एड सही ढंग से मिल जाती तो वह ठीक भी हो सकता था। जैसे ही परिवार वालों ने डाक्टर के खिलाफ नारेबाजी की बस फिर क्या था, वहां पर राजनीति गर्माने लगी। मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक सुशील रिंकू, पार्षद तरसेम सिंह, पार्षदपुत्र अनमोल ग्रोवर, तरसेम थापा, जोगिंदर पाल बब्बी, ओम प्रकाश, मास्टर तारा व अन्य कांग्रेसी नेताओँ ने परिवार के हक में खड़े होकर उनके साथ अवाज बुलंद की।सभी ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस घटना की सूचना पाते ही वैस्ट हलके की पुलिस एडीसीपी, एसीपी, थाना बाबा खेल के प्रभारी, थाना-5 के प्रभारी टीम सहित मौके पर पहुंचे। परिवारिक मैंबरों के साथ अकाली नेता मनजीत सिंह रेरु, तरसेम सिंह ने भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मृतक के परिवार मैंबर बेटा सतनाम सिंह, बहन बेबी, रिश्तेदार उषा, मनजीत, वीना, प्रीतम कौर ने शव को उठाने नही दिया और उनकी मांग थी कि जब तक डाक्टर के खिलाफ कार्रवाही नही की जाएगी। शव इसी तरह सरकारी अस्पताल में पड़ा रहेगा। बेटे सतनाम सिंह न बताया कि उसके पिता शेर सिंह (50) पुत्र सरदारा सिंह निवासी मिट्ठू बस्ती जो कि सबुह साढे 9 बजे के करीब सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आए थे, उनके बाएं कंधे के निकट दर्द हो रही थी, उन्होंने एक्सरे करवाना था। एक्सरा करवा कर जैसे ही वह गेट के बाहर आए और अचनाक वहां पर गिर गए और मुंह से खून बहने लगा। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। डाक्टर और किसी भी स्टाफ मैंबर ने उन्हें हाथ नही लगाया। मौके पर मौजूद डाक्टर तरसेम जो कि ड्यूटी पर थे, पिता की मौत के कुछ समय के बाद ही वह वहां से निकल गए। पुलिस परिवार मैंबरों के ब्यान लिखवा कर कार्रवाही करने की तैयारी में थे। समाचार लिखे जाने तक परिवार अपनी मांग को लेकर अड़ा हुआ था। वही विधायक शीतल अंगुराल के भाई राजन अंगुराल को जब इस बारे पता चला तो वह मौके पर पहुंचे और परिवार को सहारा देते हुए उन्होंने कहा कि वह हर तरह से परिवार के साथ खड़े हुए है।

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